कोरोना को हराया, पड़ोसियों से हारा, अब बेच रहा मकान

कोरोना को परास्‍त कर लौटा एक इंजीनियर अपने पड़ोसियों की मानसिकता से हार गया। प्रताड़ना से तंग आ कर युवक ने अपने पैतृक मकान का बेचने का बोर्ड ही टांग दिया है।

Publish: Apr 15, 2020, 06:55 AM IST

शिवपुरी में दुबई से लौटे पेट्रोलियम इंजीनियर दीपक शर्मा कोराना पॉजीटिव पाए गए थे। अब ये इलाज के बाद बीमारी से उबर चुके हैं और 4 अप्रैल को घर भी पहुंच गए। मगर पड़ोसियों के व्‍यवहार ने उन्‍हें परेशान कर दिया है।

दीपक बताते हैं कि अब डिप्रेशन जैसा महसूस होने लगा है। जो लोग हमारे घर आते-जाते थे वे हमें दरवाजे पर खड़ा देखकर अपने गेट बंद कर लेते हैं। एक पड़ोसी ट्यूशन पढ़ाते हैं, वह दूधवाले और सब्जी वाले से हमारे घर जाने से मना कर रहे हैं। दूध वाले से उन्होंने कहा- उनके बर्तन मत छूना, वायरस पकड़ लेगा। उनके यहां दूध मत दो। इसके बाद हमारी मां जिस रास्ते से जाती हैं, वे कहते हैं कि इस रास्ते से मत चलो, उनके कदम जहां पड़ रहे हैं उस जगह पर पैर मत रखो, नहीं तो वायरस पकड़ लेगा।

दीपक के पिता सेवानिवृत्त एएसआई जानकी प्रसाद शर्मा ने मीडिया को बताया कि ये लोग चाहते हैं कि किसी तरह हम लोग यहां से चले जाएं। फिर हमारा मकान ये लोग अपने ही किसी परिचित को दिला दें। लोग रात को आकर हमारे घर का दरवाजा पीटते हैं, परेशान करते हैं ताकि हम यहां से चले जाएं।

दीपक ने कहा कि अभी तो मैं यहां हूं, जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो फिर अपने काम पर दुबई चला जाऊंगा। इसके बाद माता-पिता यहां कैसे रह पाएंगे। इसलिए मकान बेचने का फैसला लिया है। जैसे ही मकान बिक जाएगा, हम ग्वालियर चले जाएंगे। वहां रहने का निर्णय पूरे परिवार ने किया है। हालांकि वह मूलत: कोलारस के रहने वाले हैं। कोलारस में पुस्तैनी मकान और खेती की जमीन भी है।