6 महीने में खत्म हो जाएगा धीरेंद्र शास्त्री का जलवा, 32 साल से दरबार लगा रहे पंडोखर सरकार की भविष्यवाणी

सबके जलवे खत्म होते हैं। दशानन का भी जलवा खत्म हुआ था। समय ज्यादा दूर नहीं दिख रहा है। मुझे लगता कि ऐसा ही चलता रहा तो धीरेंद्र शास्त्री का छह महीने में जलवा खत्म हो जाएगा: गुरुशरण महाराज

Updated: Feb 14, 2023, 05:49 AM IST

भोपाल। पंडोखर सरकार के नाम से प्रसिद्ध गुरुशरण महाराज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने बागेश्वर धाम सरकार के नाम से प्रसिद्ध पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। पंडोखर सरकार ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री का जलवा छह महीने में खत्म हो जाएगा। उन्होंने तर्क दिया कि रावण जलवा भी एक दिन खत्म हो गया था।

दरअसल, पंडोखर सरकार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अपना दिव्य दरबार लगा रहे हैं। यहां उन्होंने एक प्रमुख हिंदी अखबार को इंटरव्यू के दिया। 
इस दौरान उनसे पूछा गया कि आपको लोग त्रिकालदर्शी कहते हैं, बताइए धीरेंद्र शास्त्री का जलवा कब तक कायम रहेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, 'सबका जलवा एक दिन खत्म होता है। दशानन का भी जलवा था। दसों दिग्पाल कांपते थे। एक दिन उसका भी जलवा खत्म हो गया। समय ज्यादा दूर नहीं दिख रहा है। मुझे लगता कि ऐसा ही चलता रहा तो छह महीने में धीरेंद्र शास्त्री का जलवा खत्म हो जाएगा।'

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पंडोखर सरकार ने धीरेंद्र शास्त्री के इस दावे का खंडन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बागेश्वर धाम में वे तीन पीढ़ी से वे दरबार लगा रहे हैं। पंडोखर सरकार ने कहा, 'ऐसा है तो सबूत के तौर पर वो एक वीडियो ही दिखा दें। अरे वो 2009 का अपने बब्बाजी का ही कोई वीडियो दिखा दें। 2008 तक तो वीसीआर था, सीडी थी। यू ट्यूब चैनल 2014 के बाद से हमने अपनाना शुरू किया। पर्चा बनाने का काम बागेश्वर धाम में 2020 से शुरू हुआ। 2020 में जब कोरोना आया, तब ये सामने आए। इनका जन्म 1997 में हुआ। मेरा जन्म 1983 में हुआ। मैं सन 1991 से गुरु बना हूं। 1991 से लेकर अब तक मैं वीसीआर (वीडियो फुटेज) प्रस्तुत कर देता हूं।'

दतिया में धीरेंद्र शास्त्री के साथ सार्वजनिक मंच साझा करने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, 'गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के निमंत्रण पर मैं उस कार्यक्रम में शामिल हुआ था। उस मंच पर ही उन्होंने हमें बड़ा भाई बोला था।
मैंने दतिया में उनसे कहा था कि आप कहते हैं कि हनुमान जी स्वयंभू हैं। मैंने कहा स्वयंभू नहीं हैं। आपने कहा हमारे संन्यासी बाबा, जब वे नाम भी नहीं जानते थे, हमने उन्हें सेतुलाल जी नाम बताया था, तब से वे सेतुलाल बोलने लगे हैं। इनके दादाजी जो भगवानदास गर्ग थे, उन्हीं का नाम सेतुलाल है। पहले इन्हें ब्रह्म बाबा के नाम से जानते थे। वर्ष 2010 में उन्होंने शरीर त्यागा था।'

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बातचीत के दौरान पण्डोखर पंडोखर सरकार ने बताया कि वे 32 साल से दरबार लगा रहे हैं। उन्होंने दरबार लगाने वाले अन्य लोगों से अपील करते हुए कहा, 'मैं पर्चा बनाने वालों से करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि पर्चा बनाओ तो दम से बनाओ या बंद कर दो। सनातन को नीलाम मत करो। हम तो चले जाएंगे। चंद पैसे की लालच में स्वार्थ में, नई पीढ़ी धज्जियां उड़ा देगी। कुछ लोग ट्रिक का उपयोग करते हैं, जानकारी जुटाते हैं और उसके बाद पर्चा बनाते हैं। यदि धीरेंद्र शास्त्री मेरे सामने पर्चा बनाएं तो मैं बता दूंगा कि वे पर्चा कैसे बनाते हैं। हम चाहते हैं कि अंधविश्वास का पर्दाफाश होना चाहिए।'