हाईटेक रथों से एंटी इनकंबेंसी दूर करने की कोशिश, MP के मन में मोदी लिखे सैकड़ों रथ प्रचार के लिए रवाना

एमपी में इस बार विधानसभा चुनाव सीएम शिवराज के चेहरे पर नहीं बल्कि पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या दो दशकों तक राज करने के बावजूद सीएम चौहान के पास अपनी उपलब्धियां बताने के लिए कुछ नहीं है

Updated: Oct 19, 2023, 10:08 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब एक महीने से भी कम समय बचा है। चुनाव से पूर्व भारी एंटी इनकंबेंसी से जूझ रही बीजेपी जनता को लुभाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। इसी क्रम में गुरुवार को भाजपा की ओर से पीएम मोदी ने प्रदेशवासियों के नाम एक खुला खत लिखा है। इस खत को मतदाताओं तक पहुंचाने लिए "MP के मन में मोदी" लिखे सैंकड़ों हाईटेक रथों को भोपाल से विभिन्न जिलों में रवाना किया गया।

राजधानी के बीजेपी कार्यालय से सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद द्वारा हाईटेक रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। इन हाईटेक रथों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण लोगों को सुनाए जाएंगे। विधानसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी प्रदेश की 230 विधानसभाओं में करीब 2300 से ज्यादा रथ सभाओं का आयोजन करेगी। रथों में मोदी सरकार उपलब्धियों की वीडियो फिल्में भी दिखाई जाएगी। इसमें बुंदेली, बघेली सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्में दिखाए जाएंगे। बीजेपी के हाईटेक रथों में इंटरनेट, टीवी, साउंड सिस्टम विभिन्न भाषणों और गानों की सीडी रहेगी।

कभी ब्याज जीरो और शिवराज हीरो का नारा गढ़ने वाले मध्य प्रदेश बीजेपी की राजनीति पूरी करवट ले चुकी है। बीजेपी में पिछली तीन पारी से शिवराज ही रथ के सवार भी होते थे और चुनाव की कमान भी उनके हाथ में ही होती थी। ये पहली बार कि एमपी में सजे रथों के नारे में शिवराज किनारे हैं। एमपी के मन मोदी के नारे पर तैयार है। ये हाईटेक रथ से लेकर चुनाव के शबाब चढ़ने के साथ बीजेपी के बैनर होर्डिंग की बहार तक अब केवल मोदी ही मोदी हैं। 

एमपी के मन में कौन है इसका नतीजा तो तीन दिसंबर को आएगा, लेकिन बीजेपी ने अपनी नई पटकथा में नायक भी बदल दिए हैं और आइटम सॉग भी। बेशक शिवराज सिंह चौहान सभाओं में पूछते रहें कि बताओ मुझे दोबारा मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं लेकिन हाईकमान अपनी तय स्क्रिप्ट के साथ आगे बढ़ रहा है....और फिलहाल इस स्क्रिप्ट के हिसाब से एमपी के मन में मामा नहीं मोदी बताए जा रहे हैं। ये पहली बार है कि चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट आने से पहले पीएम मोदी की मतदाताओं के नाम चिट्ठी आ गई है। अब देखना होगा की शिवराज का चेहरा हटाकर भाजपा जनता के बीच नाराजगी और गुस्सा कम करने में कामयाब होती है या नहीं?