मशहूर गांधीवादी विचारक पद्मश्री कुट्टी मेनन का हार्ट अटैक से निधन

शुक्रवार सुबह कुट्टी मेनन को हार्ट अटैक आने के बाद इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, देर रात वेंटिलेटर पर रखा गया, शनिवार सुबह ली अंतिम सांसें

Updated: Jun 12, 2021, 06:16 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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इंदौर। मशहूर गांधीवादी विचारक पद्मश्री कुट्टी मेनन का इंदौर के एक अस्पताल में निधन हो गया। मेनन को शुक्रवार सुबह हार्टअटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद देर रात उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मेनन ने शनिवार सुबह अंतिम सांसें ली। कुट्टी मेनन के निधन पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया है।

सीएम शिवराज ने ट्वीट किया, 'आज हम सबने पद्मश्री, गांधीवादी, पर्यावरणविद् श्री कुट्टी मेनन जी के रूप में प्रकृति के एक सच्चे सेवक को खो दिया। आजीवन वे पर्यावरण की सेवा व धरती की हरियाली बचाने की मुहिम में जुटे रहे। वे अपने पुनीत कार्यों के माध्यम से सदैव हमारे दिलों में रहेंगे। विनम्र श्रद्धांजलि!' 

कुट्टी मेनन को साल 1991 में पद्मश्री से नवाजा गया था। जैविक खेती और इको फ्रेंडली सिंचाई में किए योगदान के लिए साल 1989 में उन्हें प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मूल रूप से केरल के त्रिश्शूर जिले के कोडुंगलुर कस्बे के रहने वाले मेनन एक बार इंदौर आए थे और फिर वे यहीं के होकर रह गए। 

कुट्टी मेनन ने इंदौर में कस्तूरबा गांधी के नाम पर कस्तूरबा ग्राम स्थापित किया था। ईको फ्रेंडली आर्किटेक्चर और ईको फ्रेंडली लाइफ स्टाइल के लिए वे देशभर में जाने जाते थे। मेनन की दिलचस्पी पेड़ पौधों और पर्यावरण में थी। उन्होंने इंदौर स्थित अपने कुटिया में करीब 270 किस्म के 2 हजार से अधिक पौधे लगाए थे। उनकी कुटिया कुछ इस तरह बनी है की ठंड के मौसम में गर्मी और गर्मी के दिनों में ठंड की अनुभूति होती है। मेनन के निधन से उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। आज शाम इंदौर में उनका अंतिम संस्कार होगा।