खुफिया तंत्र की नाकामी पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह, भोपाल में संचालित ड्रग्स फैक्ट्री पर बोले दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश की पुलिस का अपराधियों को खुला संरक्षण है। पुलिस की मिलीभगत से पूरे प्रदेश में ड्रग माफिया से लेकर शराब माफिया तक फल फूल रहे हैं: दिग्विजय सिंह

Updated: Oct 07, 2024, 02:53 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल से सटे बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में घुसकर करीब 1800 करोड रुपए कीमत की ड्रग्स जप्त करने की कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने गुजरात पुलिस तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को बधाई दी है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश की राजधानी में शासन की नाक के नीचे विगत 6 माह  से एक फैक्ट्री में ड्रग्स बनाकर सप्लाई की जा रही थी और मध्य प्रदेश पुलिस को कोई भनक तक नहीं लगी थी। 

सिंह ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की पुलिस का अपराधियों को खुला संरक्षण है। पुलिस की मिलीभगत से पूरे प्रदेश में ड्रग माफिया से लेकर शराब माफिया तक फल फूल रहे हैं। हफ्ता वसूली एक संगठित अपराध में तब्दील हो गई है। भोपाल के मैनिट में पढ़ने वाले आदित्य सुहाने की आत्महत्या के मामले में उसके परिजनों ने कॉलेज में ड्रग तस्करी की आशंका जताई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि गुजरात पुलिस की एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यदि जाल बिछाकर यह छापामारी नहीं करते तो मध्य प्रदेश पुलिस ऐसे जघन्य अपराधों से बेखबर थी। अफीम गांजे की तस्करी आज पुराने दौर की बात हो गई है । अब तो अत्याधुनिक ड्रग्स की तस्करी का मध्य प्रदेश केंद्र बनते जा रहा है। करीब 1800 करोड रुपए की ड्रग्स के मामले में दो सरगनाओं के साथ जो तीसरे व्यक्ति मंदसौर का हरीश आंजना पकड़ा गया है वह भाजपा के एक वरिष्ठतम नेता से जुड़ा है। इस नेता का सरकार से सीधा संबंध है।

दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से कहा है कि गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स ब्यूरो को इस सफलता पर बधाई देने के साथ-साथ मध्य प्रदेश पुलिस के संरक्षण में प्रदेश के लाखों नौजवानों का जीवन बर्बाद करने वाले ड्रग तस्करों पर सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए। प्रदेश के नौजवानों को शैक्षणिक परिसर से लेकर चौक बाजारों में सभी तरह के नशे के पदार्थ आसानी से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सैकड़ों करोड़ की कीमत वाली ड्रग्स भोपाल में पकड़ी गई तब भोपाल की पुलिस क्या कर रही थी? 

सिंह ने कहा कि भोपाल पुलिस आयुक्त सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों पर इस मामले में जांच बिठाई जानी चाहिए। भोपाल की पुलिस इतनी बड़ी तस्करी से कैसे अनजान रह सकती है। खुफिया तंत्र की यह नाकामयाबी पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। सिंह ने कहा कि जिलों में ईमानदार छवि वाले पुलिस कप्तान और थानों में सख्त थानेदार तैनात कर ही प्रदेश को नशे की गिरफ्त से बचाया जा सकता है।