इंदौर में सरकारी दस्तावेज़ों की हेराफेरी के बड़े रैकेट का खुलासा

कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा था फर्जी दस्तावेज बनाने और सरकारी दस्तावेजों की हेराफेरी का गोरखधंधा, दो कर्मचारी सस्पेंड

Updated: Nov 12, 2020, 05:34 PM IST

Photo Courtesy: Dainik Bharkar
Photo Courtesy: Dainik Bharkar

इंदौर। निगम-प्रशासन ने इंदौर में फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी कार्यों में दलाली करने के अवैध कारोबार का भंड़ाफोड़ किया है। बंसी ट्रेड सेंटर दूसरी मंजिल पर चल रहे एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटर से टीम को भारी मात्रा में सरकारी दस्तावेज मिले हैं। बताया जा रहा है कि एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटर का संचालक शुभम नाम का युवक है। आरोप है कि शुभम कलेक्टर कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से दलाली का काम करता था।

शुभम कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाने और शासकीय दस्तावेजों की हेराफेरी का गोरखधंधा चला रहा था। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एक बड़े अफसर ने दलालों को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच को पत्र लिखा था। इतना ही नहीं दलालों से परेशान होकर इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईडीए) के सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने भी कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी। इन शिकायतों के बाद एडीएम अजय देव शर्मा के नेतृत्व में 6 लोगों की टीम ने छापेमारी की तो संचालक शुभम के अड्डे पर जमीन संबंधित विभागों की फाइलों का जखीरा मिला। प्रसाशन जब्त दस्तावेजों की जांच करने की बात कर रहा है। इन दस्तावेजों में कई जमीन संबंधित मामले और शासकीय दस्तावेज मिलने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक, यह गोरखधंधा काफी लंबे समय से चल रहा था। इन लोगों ने अपने ऑफिस का स्थान कई बार बदला। बंसी ट्रेड सेंटर में एमपी ऑनलाइन की आड़ में शुभम जल संसाधन, लोक निर्माण, सहकारिता विभाग सहित कई सरकारी दफ्तरों से अनापत्ति लाने का काम करता था। इस काम के लिए उसने कई लड़के भी रख रखे हैं। शुभम के अड्डे से कई विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र और नोटशीट समेत कई सरकारी दस्तावेज मिले हैं। जिसमें से कई दस्तेवेजों को ये लोग अपने अड्डे पर ही तैयार कर लेते थे। दलालों के आवेदन लेने वाले दो कर्मचारियों नेहा यादव और सुपरवाइजर लक्ष्मीनारायण गावड़े को आईडीए सीईओ ने सस्पेंड कर दिया है।