तारीख पे तारीख मिल रही है लेकिन विकास नहीं मिल रहा है, संसद में विवेक तन्खा का फिल्मी अंदाज में भाषण

सांसद विवेक तन्खा ने राज्यसभा में दामिनी फिल्म में सनी देओल के बोले डायलॉग को दोहराते हुए मोदी सरकार को विकास के मुद्दे पर घेरा और कहा कि इस देश मे बीते 9 सालों से जुमला ही दिए जा रहें हैं।

Updated: Dec 09, 2023, 01:59 PM IST

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश से कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने राज्यसभा में बोलते हुए फिल्मी अंदाज में अपना भाषण दिया। विवेक तन्खा ने कहा कि हमारे सदन के सदस्य सनी देओल ने फिल्म 'दामिनी' में एक डायलॉग बोला था। 'तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख लेकिन माई लॉर्ड न्याय नहीं मिलता।' इसी तरीके से मोदी सरकार भी विकास की तारीख पर तारीख दे रही है लेकिन विकास नहीं मिलता। देश मे बीते 9 सालों से जुमला ही दिए जा रहें हैं।

विवेक तन्खा ने कहा कि मैं जब मोदी जी को सुनता हूं, अन्य मंत्रीयों को सुनता हूं, तो शिक्षा की बात कम करते है। मध्यमवर्गीय परिवार के विषय में ज्यादा जानकारी नही दे पाते। स्किल डेवलपमेंट के बारे में नही बताते। विवेक तन्खा ने कहा कि विपक्ष को आप भले ही घंमडियां बोलते रहो। पर उससे चीजें बदलने वाली नही है। सांसद विवेक तंखा ने रोजगार के मुद्दो को लेकर राज्यसभा में सवाल उठाए और बताया कि जिस तरह से इकोनामी ,जीड़ीपी, शिक्षा और ग्रोथ की बात की जा रही है, वह सिर्फ कागज तक ही सिमट कर रह गई है। हकीकत मे आज युवाओं के साथ रोजगार नहीं है।

तन्खा ने कहा कि मैं जब इकोनामी को देखता हूं, तो अपने शहर जबलपुर से जोड़कर देखता हूं। विवेक तंखा ने कहा कि जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की छह फैक्ट्रीयां है। एक समय था कि जबलपुर की सैन्य फैक्ट्रीयों में एक समय एक लाख से अधिक कर्मचारी काम किया करते थे, और ये व्यवस्था पचास-साठ साल की है। विवेक तंखा ने कहा कि मैं दावे से कह सकता हूं कि बहुत सारे सांसद जबलपुर आकर सैन्य की फैक्ट्रीयां भी देखी होगी। विवेक तंखा ने कहा कि एक समय जिस फैक्ट्री में लाखों लोग काम करते थे, आज उस फैक्ट्री में दस हजार कर्मचारी काम कर रहें है।

राज्यसभा मे विवेक तन्खा ने भारत की अर्थव्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मैं ये मानने को तैयार नही हूं कि इकोनामी को लेकर सब कुछ अच्छा चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तब अच्छी होती है, जब लोगो को रोजगार मिलता है। चीज सस्ती होती है। उन्होनें कहा कि मैं आंकड़ों में नही जाता हूं। सरकार कहती है कि भारत मैन्युफैक्चरिंग हब है, पर मुझे नही लगता कि ये सच है। उन्होनें कहा कि भारत ड़िजीटल हब थोड़ा जरुर बना है, जिसकी कुछ चीजें नोएड़ा आई है। इसके अलावा और कुछ नही है।