NGT की फटकार के बाद हरकत में सरकार, कलियासोत मामले में भोपाल सिटी प्लानर को भेजा नोटिस

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भोपाल की कलियासोत नदी के संरक्षण को लेकर नदी के किनारे 33 मीटर यानी, करीब 100 फीट नो-कंस्ट्रक्शन जोन करने के आदेश दिए हैं।

Updated: Sep 07, 2023, 02:01 PM IST

भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की फटकार के बाद अब राज्य सरकार हरकत में नजर आ रही है। मध्य प्रदेश शासन ने कलियासोत नदी पर हुए अतिक्रमण को लेकर नगर निगम भोपाल के मुख्य नगर निवेशक (सिटी प्लानर) नीरज आनंद लिखार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें सिटी प्लानर को एनजीटी की सुनवाई को गंभीरता से नहीं लेने से विभाग की क्षवि धूमिल होने का दोषी पाया गया है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग की ओर से जारी नोटिस में लिखा है कि प्रकरण की सुनवाई 27 जुलाई की जानकारी आपको भी 17 अगस्त की शाम को प्राप्त हुई थी। इस प्रकरण के प्रभारी होने की हैसियत से आपका यह उत्तरदायित्व था कि आप प्रकरण की प्रत्येक सुनवाई दिनांक पर हुई कार्रवाई से अवगत रहे। साथ ही आवश्यकता होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराए, लेकिन आप ऐसा करने में असफल रहे। इससे स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा उक्त प्रकरण में गंभीरतापूर्वक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे निगम की छवि धूमिल हुई है। क्यों न आपकी दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी जाए? इसका जवाब 7 दिन के भीतर दें। जवाब नहीं देने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भोपाल की कलियासोत नदी के संरक्षण को लेकर हाल ही में बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। एनजीटी ने नदी किनारे 33 मीटर यानी, करीब 100 फीट नो-कंस्ट्रक्शन जोन करने के आदेश दिए। वहीं, दो महीने में दोनों किनारों से सभी अतिक्रमण को हटाकर ओपन स्पेस और ग्रीन बेल्ट विकसित करने को कहा। इस मामले में विभाग के सीनियर अफसर बैकफुट पर आ गए।

पर्यावरणविद डॉ सुभाष सी पांडे ने कलियासोत नदी के संरक्षण एवं उसके क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण को हटाने को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की है। इसको एनजीटी ने सुभाष सी पांडे विरुद्ध मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन एवं अन्य के रूप में दर्ज किया गया है। इस मामले में भोपाल नगर पालिक निगम के सहायक आयुक्त ने मुख्य नगर निवशक को 21 मार्च और 4 अगस्त को संबंधित दस्तावेजों के साथ अधिवक्ता सचिन वर्मा संपर्क कर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।

इस मामले में एनजीटी ने आदेशों का पालन नहीं होने पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में तलब किया गया था। हालांकि, कोर्ट में सीएस संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर एनजीटी ने 5 लाख रुपए की पैनाल्टी पर एक माह का समय दिया। साथ ही सीएस को फटकारते हुए कहा कि आप बिना पढ़े ही पक्ष रखने आ गए। भगवान ही मालिक है। कोर्ट ने कहा कि आप खुद तय करें कि इसके लिए कौन सा विभाग या एजेंसी जिम्मेदार है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को है। जिसमें एनजीटी ने पूरी रिपोर्ट मांगी है।