जबलपुर में बगैर अनुमति चल रहा अस्पताल सील, BAMS डॉक्टर कर रहा था एलोपैथिक इलाज

एसडीएम के मुताबिक जांच के दौरान अस्पताल में 10 बेड, नर्सिंग स्टाफ और इलाजरत मरीज मिले। डॉक्टर दिव्यांश खुद मरीजों को एलोपैथिक दवाएं दे रहे थे। पूछताछ में उन्होंने BAMS (आयुर्वेद) की डिग्री होना बताया।

Updated: Apr 17, 2025, 01:47 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में फर्जी डिग्री और बिना अनुमति के संचालित हो रहे एक अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन ने गुरुवार को बिलहरी क्षेत्र में संचालित इस फर्जी अस्पताल को सील कर दिया। बताया जा रहा है कि रांझी एसडीएम आरएस मरावी ने गरुड़ दल के साथ मौके पर छापा मारा। इस दौरान डॉक्टर दिव्यांश सुलखिया द्वारा संचालित ‘सुलखिया हॉस्पिटल’ को बिना रजिस्ट्रेशन और अनुमति के मरीजों का इलाज करते हुए पाया गया।

मौके से एलोपैथिक दवाइयां और इलाज के सबूत मिलने के बाद अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया। एसडीएम आरएस मरावी ने बताया कि जांच के दौरान अस्पताल में 10 बेड, नर्सिंग स्टाफ और इलाजरत मरीज मिले। डॉक्टर दिव्यांश खुद मरीजों को एलोपैथिक दवाएं दे रहे थे। पूछताछ में उन्होंने BAMS (आयुर्वेद) की डिग्री होना बताया, लेकिन एलोपैथी पद्धति से इलाज कर रहे थे। जब दस्तावेज मांगे गए तो अस्पताल के संचालन से जुड़ी कोई अनुमति या रजिस्ट्रेशन उपलब्ध नहीं था।

मौके पर पहुंची टीम को वहां भर्ती मरीज मिले। मरीजों ने बताया कि वे लंबे समय से यहां इलाज करा रहे हैं, लेकिन उन्हें कभी यह जानकारी नहीं मिली कि यहां के डॉक्टर एलोपैथी की विधिवत योग्यता नहीं रखते। एक मरीज ने बताया कि यहां रोजाना 20 से 25 मरीज इलाज के लिए आते हैं और कई को भर्ती भी किया जाता है।

जांच में अस्पताल के अंदर डॉक्टर का केबिन, पलंग, दवाइयां, और स्टाफ सक्रिय रूप से काम करता मिला। जब टीम ने पूछताछ शुरू की तो डॉक्टर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। गरुड़ दल ने मौके से एलोपैथिक दवाइयों के कई पैकेट जब्त किए। कार्रवाई के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है और डॉक्टर दिव्यांश सुलखिया के खिलाफ गोरा बाजार थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है।