यदि 400 लोग नामांकन दाखिल करें तो... दिग्विजय सिंह ने बताया EVM की जगह बैलेट से चुनाव कराने का तरीका

मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि वह 400 लोगों से नामांकन दाखिल कराने का प्रयास कर रहे हैं ताकि चुनाव मतपत्र से हो।

Updated: Apr 01, 2024, 11:15 AM IST

राजगढ़। लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। विपक्षी दलों के नेताओं से लेकर सिविल सोसायटी के लोग ईवीएम से वोट कराने के खिलाफ हैं। ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों पर चुनाव आयोग की चुप्पी ने मशीन के छेड़छाड़ की आशंकाओं को और गहरा दिया है। इसी बीच ईवीएम के विरुद्ध मुखरता से लड़ाई लड़ रहे दिग्विजय सिंह ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने के तरीके पर बात की है।

राजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने रविवार को अपने चुनाव क्षेत्र में एक नुक्कड़ सभा के दौरान कहा कि यदि 400 लोग नामांकन दाखिल करें तो चुनाव मतपत्र से होंगे। सिंह ने यह बात सुसनेर के कचनारिया गांव में एक नुक्कड़ सभा के दौरान लोगों से यह पूछने के बाद कही कि वे क्या चाहते हैं, चुनाव ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) से या मतपत्र से हो। भीड़ से स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं वे बैलेट पेपर से चुनाव चाहते हैं।

सिंह ने लोगों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इस तरह, राजगढ़ में मतपत्र के माध्यम से चुनाव होंगे, देखते हैं क्या होता है। उन्होंने कहा कि इसके (मतपत्र से चुनाव) लिए एक ही रास्ता है। अगर 400 उम्मीदवार नामांकन पत्र भरें। मैं इसके लिए तैयारी कर रहा हूं। सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी, जबकि आरक्षित श्रेणियों के लोगों को 12,500 रुपये जमा करने होंगे।

दिग्विजय सिंह अपनी आठ दिवसीय 'वादा निभाओ यात्रा' पदयात्रा के पहले दिन ये बोल रहे थे। सिंह चुनावों के लिए ईवीएम के इस्तेमाल का लगातार विरोध कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी की जीत के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया था। सिंह ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का लाइव डेमो भी मीडिया के समक्ष दे चुके हैं।

दरअसल, प्रत्येक ईवीएम में प्रति निर्वाचन क्षेत्र नोटा सहित अधिकतम 384 उम्मीदवार हो सकते हैं। एक बैलेट यूनिट में नोटा सहित कुल 16 उम्मीदवार आ सकते हैं और 24 ऐसी इकाइयों को एक साथ कंट्रोल यूनिट से जोड़ा जा सकता है। यदि इससे ज्यादा उम्मीदवार हों तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने का ही ऑप्शन बचता है।