इंदौर: साइबर फ्रॉड में शामिल पांच आरोपी गिरफ्तार, निजी कंपनियों के बैंक खातों से करोड़ों उड़ाने की रच रहे थे साजिश

आरोपी निजी कंपनियों के खातों को निशाना बनाते उसके पहले ही इंदौर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। आरोपियों के तार डार्क वेब और मैलवेयर जैसी हैकिंग तकनीक से भी जुड़े हैं।

Publish: Aug 04, 2023, 07:33 PM IST

image courtesy- ET
image courtesy- ET

इंदौर। भंवरकुआं थाना पुलिस की समय रहते की गई कार्रवाई ने एक बड़ा साइबर फ्रॉड होने से बचा लिया। दरअसल पुलिस ने पांच हैकर्स को गिरफ्तार किया है जो निजी कंपनियों के बैंक खातों को निशाना बनाकर उनसे पैसे उड़ाने की कोशिश कर रहे थे। अरोपियों के तार अंतरराष्ट्रीय हैकर्स और डार्क वेब से भी जुड़े हैं।

डीसीपी आरके सिंह के मुताबिक पांचों आरोपी बुधवार को 7-हेवन होटल में बिना आइडी रूम लेने की जिद कर रहे थे। होटल कर्मचारी को उनपर शंका हुई उसने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंच कर पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप और मोबाईल जब्त किए।

मोबाईल में हैकर और जालसाजों के बीच हुई चैटिंग पुलिस को मिली पूछने पर आयुष नाम के हैकर ने बताया कि गिरियास इन्वेस्टमेंट प्रालि और आलोन फार्मास्युटिकल इंडिया के खाते को हैक कर 45 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश कर रहे थे। गिरियास कंपनी के खाते में 42 करोड़ रुपये वहीं आलोन कंपनी के बैंक खाते में 2.80 करोड़ रुपये जमा हैं।

एडीसीपी जोन-4 अभिनय विश्वकर्मा के अनुसार आरोपी रवि एक वाटस्एप ग्रुप से जुड़ा था। जिसके एडमिन मुंबई और दिल्ली के हैकर हैं। इस ग्रुप में खातों के डेटा शेयर होते हैं। एडमिन बैंक का नाम, खाता नंबर, आइएफएससी कोड, नामिनी, और ई-मेल सहित खाते में जमा रकम तक बता देते हैं। खाते को हैक करने पर 60 प्रतिशत एडमिन और 40 प्रतिशत हैकर को मिलते हैं।

एडीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने आगे बताया कि आरोपी डार्क वेब से डाटा खरीदते थे इनके तार अंतरराष्ट्रीय हैकर्स से भी जुड़े हुए हैं। हम फोन और लैपटाप जब्त कर आगे की लिंक तलाश कर रहे हैं। आयुष अमेरिकी नागरिकों का डेटा हैक करता था उसके विरुद्ध राज्य साइबर सेल में पहले से केस दर्ज है। पहले वह डेटा लीक करने वाली कंपनी में फिम बाउंड ग्लोबल नामक कंपनी में नौकरी करता था।