गणेश प्रतिमाओं का अपमान करने वालों पर FIR, इंदौर नगर निगम के 9 कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज
कांग्रेस ने निगमकर्मियों द्वारा मूर्तियों के अपमान पर जताई थी नाराजगी, मुख्यमंत्री ने दिए थे दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश, 7 दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से निकाला, 2 अधिकारियों को हटाया
इंदौर। जवाहर टेकरी में गणेश विसर्जन के दौरान प्रतिमाओं के फेंके जाने के मामले में प्रशासन एक्शन मोड में है। निगम अफसर की शिकायत पर पुलिस ने 9 निगम कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। दरअसल इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों का वीडियो वायरल होने के बाद से ही इस घटना का विरोध किया जा रहा था। टेकरी के पास भरे पानी में बेतरतीबी से गणेश प्रतिमाओं को फेंकने को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार पर हमला बोला था। जिसके बाद CM शिवराज सिंह ने भी मामले को लेकर नाराजगी जताई थी। अब इंदौर नगर निगम ने उस दौरान ड्यूटी पर तैनात 9 कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी है। वहीं इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि छोटे कर्मचारियों पर गाज गिरी है, जबकि बड़े अधिकारी फोटो खिंचाने की खानापूर्ति करके निकल गए थे। उन पर भी एक्शन लिया जाए।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर कांग्रेस ने कटाक्ष किया था। वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने लिखा था कि मुख्यमंत्री शिवराज की धर्म प्रेमी सरकार की वास्तविकता। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था कि आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है, ज़िम्मेदारों के मौन पर भी सवाल उठाए थे।
यह है शिवराज जी की धर्म प्रेमी सरकार की हक़ीक़त , कैसे करते है आस्थाओं के साथ हर वर्ष खिलवाड़…?
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) September 20, 2021
गूँगे- बहरों की तरह सारे ज़िम्मेदार मौन रहते है , कहाँ है धर्म के स्वयंभू ठेकेदार..?
इंदौर में गणेशजी की शहर भर से एकत्रित प्रतिमाओं के साथ धार रोड के जवाहर टेकरी पर यह कैसा व्यवहार ? pic.twitter.com/mFhZGiYp9R
FIR से पहले इंदौर नगर निगम के 7 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। वहीं दो अन्य कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था।
मंगलवार को चंदन नगर थाने में इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त अभय राजगांवकर ने 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया। इन निगम कर्मियों की पहचान हेमराज, रामाजी, मुकेश, सुनील, करण, राजेश, लखन, राजू, सुपरवाइजर चंद्रशेखर यादव और अविनाश देशमुख के रूप में हुई है। निगम प्रशासन ने जोन 13 के जोनल अधिकारी ब्रजमोहन भगोरिया और कार्यक्रम अधिकारी शैलेष पाटोदी को हटा दिया है। उन पर आरोप है कि वे अपनी ड्यूटी से नदारद थे, जबकि उन्हें विसर्जन के दौरान वहीं मौजूद रहना था।
इस मामले में इंदौर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने भी निगमकर्मियों के कृत्य की निंद की थी। उनका कहना था कि अगर नगर निगम विधि विधान से प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं करवा पा रहा था तो मूर्तियां क्यों लाई गई थीं। अगर मूर्तियां वहां विसर्जित हो रही थी तो अफसरों को भी वहीं रहना चाहिए था। ताकि निगम अमला ठीक से काम करें।