जबलपुर कलेक्टर और एसपी पर 50 हजार का जुर्माना, राजनीतिक दबाव में जिलाबदर करने का आरोप

कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ की गई जिलाबदर की कार्रवाई को भी रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला कानून के आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव में लिया गया लगता है।

Updated: Mar 08, 2025, 02:35 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर और एसपी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ की गई जिलाबदर की कार्रवाई को भी रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला कानून के आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव में लिया गया लगता है।

दरअसल, पनागर थाना क्षेत्र के गांव लमती के रहने वाले संतोष पटेल पर जुआ, सट्टा और अवैध शराब से जुड़े 13 से ज्यादा मामले दर्ज थे। इसी आधार पर जबलपुर कलेक्टर ने 25 अक्टूबर 2024 को उसे जिले से बाहर करने का आदेश दिया था।

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उसने पहले संभागीय कमिश्नर के समक्ष कलेक्टर के आदेश को चुनौती दी। यहां आदेश को बरकरार रखा गया। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में अपील दायर की। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या पटेल के खिलाफ ऐसे गंभीर अपराध दर्ज हैं, जिनमें जिलाबदर करना जरूरी हो? जब इस पर ठोस जवाब नहीं मिला, तो कोर्ट ने आदेश को गलत ठहराते हुए कार्रवाई रद्द कर दी।

पुलिस ने याचिकाकर्ता संतोष के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई के लिए एसपी के समक्ष रिपोर्ट पेश की थी। एसपी ने इसे उचित मानते हुए कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा। जिसके बाद जिलाबदर का आदेश जारी किया गया।

संतोष ने इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि मेरे खिलाफ दर्ज कोई भी मामला भारतीय दंड संहिता के उन प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आता, जिनमें जिलाबदर की कार्रवाई अपेक्षित होती है। ऐसे में न्यायालय ने दोनों अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है।