जबलपुर में सफ़ाई का बुरा हाल, एक-एक हफ़्ते तक नहीं पहुँच रहीं कचरा उठाने वाली गाड़ियां

कचरा गाड़ियों को ट्रैक करने के लिए उनमें जीपीएस भी लगाया गया है, लेकिन गाडियां इसके बावजूद गायब हो जाती हैं

Updated: Jan 16, 2021, 05:29 AM IST

Photo Courtesy: Naidunia
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जबलपुर। जबलपुर में स्वच्छता को लेकर बड़ी कोताही बरती जा रही है। यहां पूरे शहर का कचरा उठाने के लिए पर्याप्त गाड़ियां नहीं हैं, जिसके चलते लोगों के घरों से कचरा उठाने में कचरा गाड़ियों को एक हफ्ते से ज़्यादा का समय लग जाता है। लोगों का आरोप है कि जब तक शिकायत न करें, कचरा उठाने वाली गाड़ियां उन तक नहीं पहुंच पातीं। 

जबलपुर नगर निगम के मुताबिक 16 ज़ोन में लगभग ढाई लाख मकान आते हैं। 600 से 700 मकान पर एक गाड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। लेकिन वर्तमान समय में पूरे शहर में बमुश्किल 200 गाड़ियां ही उपलब्ध हैं। इनमें से 80 गाड़ियां नगर निगम की हैं। जबकि बाकी गाड़ियां कचरा उठाने का ठेका लेने वाली कंपनी एसएल के पास है। हालांकि इससे पहले कचरा गाड़ियों की तादाद 350 थी। लेकिन अब उनमें से बहुत सी  कचरा उठाने वाली गाड़ियां खुद ही कबाड़ में बदल चुकी हैं।

डोर टू डोर कचरा उठाने की व्यवस्था सुधारने के लिए नगर निगम ने कचरा गाड़ियों में जीपीएस लगाया। ताकि गाड़ियों के लोकेशन को ट्रैक किया जा सके। निगरानी रखने के उद्देश्य से किया गया यह उपाय भी बेकार हो गया है, क्योंकि शहर की ज़्यादातर गाड़ियों में जीपीएस ही खराब हो चुका है। इतना ही नहीं जिनका काम करता है उनकी लोकेशन भी बमुश्किल ही मिल पाती है। लिहाज़ा शहर में सिस्टम और सुविधा दोनों की हालत दयनीय है। कुछ ही दिनों में शहर का स्वच्छता सर्वेक्षण भी होना है। लेकिन उससे पहले नगर निगम कितना मुस्तैद वो शहर की इस तस्वीर से समझ में आता है।