OBC Reservation in MP : 27 फीसदी आरक्षण पर रोक हटाने से HC का इनकार

Congress : शिवराज सरकार कोर्ट में मजबूती से नहीं रख रही पक्ष, अगली सुनवाई में कांग्रेस उतारेगी वकीलों की फौज

Publish: Jul 21, 2020, 08:02 AM IST

courtsey : abp live
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जबलपुर। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक को हटाने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। 20 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पुराने रोक के आदेश को कायम रखा है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश में OBC समुदाय के लोगों को आगामी आदेश तक सरकारी नौकरियों में 14 प्रतिशत आरक्षण ही दिया जाएगा। यानी 27 प्रतिशत आरक्षण का फायदा प्रदेश में ओबीसी समुदाय के लोग नहीं उठा सकेंगे। इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने OBC समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण दिया था इसलिए कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष नहीं रख रही है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

दरअसल, कमलनाथ सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने के फैसले को 11 याचिकाएं दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। इसके बाद 19 मार्च को कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी। प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद सोमवार को मामले की पहली सुनवाई थी। इस दौरान कोर्ट ने आरक्षण बढ़ाने के फैसले पर रोक बरकरार रखा है। कांग्रेस का आरोप है कि कोर्ट ने इसलिए रोक बरकरार रखा क्योंकि बीजेपी सरकार मजबूती से अपना पक्ष नहीं रख रही है। कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज पर ओबीसी समुदाय के लोगों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। 

OBC के साथ अन्याय कर रही बीजेपी सरकार

विधायक जीतू पटवारी ने कोर्ट के फैसला आने के बाद कहा कि हमें पहले से इस बात की आशंका थी। उन्होंने कहा, 'अन्य पिछड़े वर्ग के साथ शिवराज सरकार अन्याय कर रही है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखने का प्रयास कर रही है। राजनीतिक विद्वेष के कारण ओबीसी आरक्षण का बलि नहीं चढ़नी चाहिए।' पटवारी ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में ओबीसी का जनसंख्या लगभग 54 फीसदी है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमने OBC/SC/ST समुदाय के लोगों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के क्षेत्र में काफी कार्य किए हैं। अब उन्हें अपना हक मिलना चाहिए।
 

अगले सुनवाई पर कांग्रेस उतारेगी वकीलों की फौज

मामले पर कांग्रेस अब वरिष्ठ वकीलों द्वारा पैरवी कराने की तैयारी में है। कांग्रेस नेताओं ने अदालत की कार्यवाही पर संतोष जाहिर करते हुए कहा है कि हमें पहले से आशंका थी कि सरकार अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखेगी। हालांकि कांग्रेस नेताओं ने इंटरविनर वकील के तर्कों की सराहना की है और कहा है कि आगामी सुनवाई पर कांग्रेस की ओर से कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता पैरवी करेंगे।