जबलपुर के शैल्बी हॉस्पिटल की CGHS मान्यता रद्द
Shalby Hospital: अस्पताल पर सीजीएचएस कर्मियों की भर्ती नहीं करने और उन्हें कार्ड पेमेंट की सुविधा नहीं देने के आरोप थे. शिकायत के बाद अस्पताल की संपूर्ण बैंक गारंटी जब्त करने के आदेश जारी
                                        जबलपुर। जबलपुर के निजी अस्पताल शैल्बी मल्टीस्पेशयलिटी अस्पताल की सीजीएचएस मान्यता ख़त्म कर दी गई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर इस अस्पताल की सीजीएचएस मान्यता खत्म की गई है। अस्पताल पर सीजीएचएस कार्ड धारकों को भर्ती नहीं करने, उन्हें भर्ती करके पैसे की मांग करने और केशलैस की सुविधा प्रदान नहीं करने के कारण कार्यवाही की गई है।
सीजीएचएस जबलपुर के अपर निदेशक डॉ. रावत द्वारा शुक्रवार को शैल्बी हॉस्पिटल के नाम पर जारी आदेश में कहा गया है कि सीजीएचएस जबलपुर के अंदर आने वाले शैल्बी अस्पताल का सीजीएचएस से जून 2017 से अनुबंध है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन लगातार अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं कर रहा है। सीजीएचएस के लाभार्थियों को भर्ती नहीं किया जाना, उन्हें भर्ती करके पैसे की मांग करना और कार्ड पेमेंट की सुविधा प्रदान नहीं करने देने के कारण शैल्बी हॉस्पिटल की सीजीएचएस मान्यता समाप्त कर दी गई है। एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण ही अस्पताल की संपूर्ण बैंक गारंटी जब्त करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
निर्देशक ने लिखे पत्र में यह बात स्पष्ट की गई है कि हॉस्पिटल की मान्यता समाप्त करने से पहले भर्ती सीजीएचएस कार्ड धारकों का इलाज इसी अस्पताल में चलता रहेगा। जबकि नए मरीज़ों को भर्ती करने की मनाही रहेगी। निजी अस्पतालों में सीजीएचएस लाभार्थियों से अभद्र व्यवहार होने और लूटखसोट की लगातार शिकायत अपर निदेशक सीजीएचएस जबलपुर और हेडक्वाटर दिल्ली को मिल रही थी। इन शिकायतों पर कार्रवाई इसी संदर्भ में की गई है।
सीजीएचएस क्या है
यह केंद्र सरकार की एक स्वास्थ्य योजना इसका नाम है। इस योजना के जरिए, केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को व्यापक चिकित्सा कवर प्रदान किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत एलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुष उपचार सभी प्रकार के इलाज किए जाते हैं। इस योजना केंद्रीय कर्मचारियों, अधिकारियों और केंद्र सरकार में सेवरत या रिटायर्ड अधिकारियो, कर्मचारियों को सरकारी कार्ड के माध्यम से सुविधाएं प्राप्त होती है | यह योजना स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत चलती है।




                            
        
        
        
        
        
        
        
        
        
        
        
        
        
        
        
                                    
                                
                                    
                                    
                                    
								
								
								
								
								
								
								
								
								
								