MP की सियासत में KCR की एंट्री, पूर्व सांसद और दो पूर्व विधायकों ने थामा BRS का दामन

केसीआर की पार्टी में शामिल हुए मध्य प्रदेश के रीवा संसदीय क्षेत्र से पूर्व भाजपा सांसद बुड्डासेन पटेल, सपा पार्टी के सतना के पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह और पूर्व विधायक डॉ. नरेश सिंह गुर्जर

Updated: May 31, 2023, 08:47 AM IST

हैदराबाद/भोपाल। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश की सियासत में अब केसीआर की एंट्री हो गई है। प्रदेश के रीवा जिले के पूर्व सांसद और दो पूर्व विधायकों समेत कई नेताओं ने केसीआर की पार्टी बीआरएस का दामन थाम लिया है। स्वयं केसीआर ने मंगलवार को उन्हें हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता दिलाई।

दरअसल, भारत राष्ट्र समिति (BRS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व तेलंगाना सीएम के. चंद्रशेखर राव मध्य प्रदेश की राजनीति में ताल ठोकने की तैयारी में जुट गए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को रीवा संसदीय क्षेत्र से पूर्व भाजपा सांसद बुड्डासेन पटेल, सपा पार्टी के सतना के पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह और पूर्व बीएसपी विधायक डॉ. नरेश सिंह गुर्जर समेत राज्य के आधा दर्जन से अधिक नेता केसीआर की पार्टी में शामिल हो गए।

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सतना की पूर्व जिला पंचायत सदस्य विमला बागरी, सर्वजन कल्याण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय यादव, भोपाल से राकेश मालवीय व सत्येंद्र सिंह आदि नेताओं ने भी बीआरएस की सदस्यता ली। केसीआर ने इन नेताओं को पिंक दुपट्टा पहनाकर पार्टी में शामिल किया। साथ ही पूर्व सांसद पटेल को मध्यप्रदेश में बीआरएस का समन्वयक नियुक्त किया गया है। अब भोपाल में केसीआर की बड़ी सभा करवाने की तैयारी की जा रही है।

बीआरएस में शामिल नेताओं ने हैदराबाद में कहा कि मध्य प्रदेश लौटकर हम राज्य में पार्टी का संगठनात्मक ढांचा खड़ा करने और इसके विस्तार के लिए गतिविधियां शुरू करेंगे। तेलंगाना के गवर्नेंस मॉडल को आम लोगों तक पहुंचाकर अधिकाधिक लोगों को पार्टी में जोड़ने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद भोपाल में केसीआर की जनसभा का आयोजन करवाया जाएगा।

बता दें कि केसीआर ने बीते साल तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर बीआरएस करने के साथ राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का ऐलान किया था। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में पार्टी का आलीशान कार्यालय भी शुरू कर दिया है। तेलंगाना के बाद अब तक महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में बीआरएस की गतिविधियां ही शुरू हुई थी। अब केसीआर ने मध्य प्रदेश की ओर रुख करने के संकेत दिए हैं। राज्य के कुछ नेताओं को पार्टी में शामिल कर उन्होंने मप्र की ओर कदम भी बढ़ा दिए हैं।