50 फीसदी कमीशन पर घिरी शिवराज सरकार, अब गौशाला पेटी कांट्रेक्टर संगठन ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप

गौशाला पेटी कांट्रेक्टर संगठन ने हाईकोर्ट को संबोधित पत्र में लिखा है कि रीवा के पेटी कांट्रेक्टर भी ग्वालियर के पीड़ित पेटी कांट्रेक्टर की तरह ही प्रताड़ित हैं।

Updated: Aug 17, 2023, 05:24 PM IST

ग्वालियर। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार 50 फीसदी कमीशन के आरोपों से घिरी हुई है। लघु कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के बाद अब गौशाला कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए शिवराज सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। गौशाला कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने भी हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कमीशनखोरी की शिकायत की है। 

गौशाला कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन का पत्र सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत में फिर से भूचाल आ गया है। जबलपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में शिकायतकर्ता पीयूष पांडे ने लिखा है, 'हाल ही में ग्वालियर के पेटी कांट्रेक्टर के एक संघ ने शासकीय कार्यों में 50% कमीशन लेकर भुगतान करने की शिकायत करते हुये अपनी पीड़ा ज़ाहिर की है। महोदय हम रीवा के पेटी कांट्रेक्टर भी ग्वालियर के पीड़ित पेटी कांट्रेक्टर की तरह ही प्रताड़ित हैं। 38 लाख की गौशाला में 14.50 लाख से अधिक के कमीशन बंटने की शिकायत हम प्रमाण के साथ कर चुके हैं परन्तु कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।' 

पत्र में आगे लिखा गया है कि, 'प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी से हम ठेकेदार प्रताड़ित हैं। सरकार हमें गुणवत्ता से समझौता करने के लिए विवश कर रही है। रीवा समेत पूरे प्रदेश में कुछ दलाल सक्रिय हैं जो कमीशन के साथ काम करा रहे हैं और ठेकेदारों को लूट रहे हैं। प्रशासन में बैठे अधिकारियों और मध्यप्रदेश एवं केंद्रीय सरकार तक शिकायत पहुंचाने के बाद भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है और शिकायतों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।'

गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के पीयूष पांडे ने हाईकोर्ट से मांग की है कि पत्र को संज्ञान में लेकर उन्हें न्यायालय के समक्ष सरकारी निर्माण कार्यों के भ्रष्टाचार के साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाय और उनका लंबित भुगतान कराया जाए। गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन का पत्र वायरल होने के बाद एक बार फिर प्रदेश की सियासत में फिर से भूचाल आ गया है। इससे पहले लघु कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन का पत्र सामने आया था जिसमें 50 फीसदी कमीशनखोरी के आरोप लगाए गए थे।

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हालांकि, राज्य सरकार ने इसे फर्जी पत्र करार देते हुए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। अब गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन का पत्र सामने आने के बाद सत्ताधारी दल में चुप्पी साध ली है। रीवा के पेटी कॉन्ट्रैक्टर ने इस मामले में वीडियो भी जारी किया है। साथ ही सबूत के तौर पर वॉट्सएप चैट्स भी पेश किए हैं, जिसमें 38 लाख के गौशाला निर्माण में 14.50 लाख रुपए कमीशन लेने का जिक्र है।