भोपाल सुसाइड केस में चौथी मौत, परिवार के मुखिया ने भी तोड़ा दम, आखिरी सदस्य की भी हालत क्रिटिकल

आर्थिक तंगी से जूझ रहे मैकेनिक परिवार के सभी सदस्यों ने खाया था जहर, परिवार के मुखिया संजीव जोशी ने भी तोड़ा दम, पत्नी की भी हालत नाजुक

Updated: Nov 28, 2021, 07:27 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे मैकेनिक संजीव जोशी ने पूरे परिवार के साथ जहर खा लिया था। मां और दोनों बेटियों के बाद अब रविवार सुबह संजीव ने भी दम तोड़ दिया। पांच सदस्यीय मैकेनिक परिवार में अब बस संजीव की पत्नी जीवित बची हैं। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि उनकी भी हालत बेहद क्रिटिकल है।

दरअसल, भेल क्षेत्र स्थित पिपलानी थाना एरिया अंतर्गत आनंदनगर के अशोक विहार में संजीव जोशी अपने परिवार के साथ रहते थे। जोशी पेशे से एक मैकेनिक थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, वृद्ध मां और दो बेटियां थीं साथ रहते हैं। लेकिन अब न ही संजीव इस दुनिया में रहे, न हीं उनकी वृद्ध मां और न ही जवान बेटियां। गरीबी और लाचारी से मजबूर होकर चारों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

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जोशी का परिवार आर्थिक तंगी और कर्ज से बेहद परेशान था। उनके ऊपर सूदखोरों के लाखों रुपए बकाया थे। जनकारी के मुताबिक सूदखोर 10 हजार रुपए प्रति माह सूद चुकाने का दबाव बनाते और संजीव के लिए परिवार का पेट पालना भी मुश्किल होता जा रहा था। गुरुवार देर रात उनके परिवार के सभी लोगों ने तय किया कि कोई अकेले कर्जदार बनकर जीवन क्यों ढ़ोए और सबने मिलकर जहर खा लिया। अगली सुबह उनकी वृद्ध मां और एक बेटी की मौत हुई, इसके अगले दिन एक और बेटी ने दम तोड़ा और रविवार सुबह संजीव भी दुनिया छोड़ गए। 

बताया जा रहा है कि संजीव को जब से इस बात की जानकारी मिली थी कि उनकी दो बेटियां और वृद्ध मां इस दुनिया में नहीं हैं, तब से उनकी आंखें नहीं खुली थी। शनिवार पूरे दिन वे बेसुध हाल में पड़े रहे। इतना ही नहीं संजीव को आर्थिक रूप से मदद करने जब सरकार के नुमाइंदे पहुंचे तब भी वे बेसुध थे, लेकिन बीजेपी नेताओं ने बेशर्मी की सारी हदों को पार करते हुए उन्हें चेक पकड़ा कर फोटो खिंचवाना जरूरी समझा। 

जानकारी के मुताबिक शनिवार को भोपाल की गोविंदपुरा सीट से भाजपा विधायक कृष्णा गौर आनंदनगर के गायत्री अस्पताल में भर्ती मैकेनिक से मिलने पहुंची थीं। तब मृतक संजीव बेसुध हाल में थे। अस्पताल में गौर ने उन्हें सहायता के नाम पर दो लाख का चेक दिया और बेसुध पड़े मैकेनिक के साथ तस्वीर खिंचवाना नहीं भूलीं। सोशल मीडिया पर इस संवेदनहीनता के कारण उनका काफी विरोध हो रहा है। विपक्षी दलों से लेकर तमाम पत्रकार भी बीजेपी विधायक के इस प्रचार की भूख का आलोचना कर रहे हैं।