MP Transport : TAX माफ़ी की मांग पर अड़े बस ऑपरेटर्स, कहा नहीं चलेंगी बसें

शराब ठेकेदारों के बाद बस ऑपरेटरों ने रखी शर्त, Lockdown के दौरान घाटे की भरपाई के लिए टैक्‍स माफ हो

Publish: Jun 17, 2020, 04:16 AM IST

Courtesy: toi
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कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच मध्यप्रदेश सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं नजर आ रही है। प्रदेश में शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच विवाद पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ कि अब बस ऑपरेटर्स अपनी मांगों पर अड़ गए हैं। बस ऑपरेटर्स का साफ कहना है कि जबतक लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई के महीनों में हुए नुकसान की भरपाई नहीं होगी तबतक हम बसों का परिचालन बंद रखेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश के बस ऑपरेटर्स की मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है कि अगर सरकार टैक्स माफ नहीं करेगी तो प्रदेश में बसों का परिचालन बंद रहेगा। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से इस बाबत कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान देशभर में बसों का परिचालन बंद था वहीं दूसरे चरण में प्रवासियों को बसों के माध्यम से विभिन्न जगहों पर पहुंचाया जा रहा था जिस दौरान 50 फीसदी क्षमता के साथ यात्रियों को बैठाया जा रहा था। इस दौरान बस संचालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं सरकार ने 1 जून से शर्तों के साथ बस चलाने की अनुमति दी है। बावजूद इसके जिले की सीमा के अंदर बसों का परिचालन पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है। इसकी मूल वजह जिला प्रशासन की वो शर्तें हैं जिन्हें लागू करना बस संचालकों के लिए अनिवार्य है। इस बीच बस संचालकों ने टैक्स सहित अन्य राहत की मांग को लेकर प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा था।

ज्ञापन में उन्होंने सरकार से मांग की थी कि उनकी 6 महीनों का टैक्स माफ किया जाए। लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर अबतक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। वहीं गृह मंत्रालय ने सोमवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसमें लिखा है कि उज्जैन, भोपाल और इंदौर संभाग में पड़ने वाले जिलों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ बस चलाए जाएंगे वहीं बाकी जिलों में सामान्य तौर से सवारियों को बैठाया जा सकता है। इस फैसले के बाद बस ऑपरेटर्स अपनी मांगों को लेकर अड़ गए हैं। उनका साफ कहना है कि 6 महीनों का टैक्स माफ हुए बिना प्रदेश में बसों का परिचालन पूरी तरह से ठप रहेगा।

गौरतलब है कि इसके पहले शराब ठेकेदारों ने भी लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान को लेकर टैक्स माफी की मांग की थी। जिसके बाद मामला कोर्ट तक पहुंच गया था। ठेकेदारों ने बिना टैक्स माफ किए शराब दुकान खोलने से इंकार कर दिया है। प्रदेश सरकार ने फिलहाल सभी ठेकों को अधिग्रहित कर लिया है और आबकारी विभाग के कर्मचारी ठेकों पर शराब बेच रहे हैं। प्रदेश सरकार अब नए सिरे से ठेकों की नीलामी करेगी।