कर्ज में डूबी सरकार, घाटे में बिजली कंपनियां, जनता के पैसों पर ऊर्जा मंत्री की राजशाही जारी

मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का महा राजशाही, जनता के पैसे खर्च कर रखे 96 स्टाफ, 11 सरकारी वाहन, कांग्रेस ने बताया भोग-विलास का चरम, मंत्री से पैसों की वसूली की मांग

Updated: Aug 31, 2021, 09:05 AM IST

Photo Courtesy: Zeenews
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भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है। राज्य में मौजूद बिजली कंपनियां भी लगातार घाटे में चल रही हैं। बावजूद प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की राजशाही में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तोमर की शान–ओ-शौकत ऐसी है कि उसे देख आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने जनता की गाढ़ी कमाई से मिलने वाले टैक्स के पैसों से 96 निजी स्टाफ और 11 वाहन रखा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने स्टाफ रखने में सभी को पछाड़ दिया है। मध्य प्रदेश के इतिहास में अबतक 96 स्टाफ किसी मंत्री ने नहीं रखा और न ही किसी ने 11 वाहनों का काफिला किसी ने रखा है। स्टाफ और वाहन का खर्च बिजली कंपनियों को देना होता है। ये उन्हीं बिजली कंपनियों के पैसे हैं, जो लगातार घाटे में होने के कारण बिजली बिल में इजाफा कर रही हैं। स्पष्ट है कि इसका सीधा असर आम जन की जेब पर पड़ता है।

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कांग्रेस ने इसे भोग-विलास का चरम करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह ने इसे भ्रष्ट आचरण बताते हुए मांग की है कि तोमर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा है कि अतिरिक्त स्टाफ की वेतन वसूली भी मंत्री जी से की जानी चाहिए। उधर बवाल बढ़ने पर तोमर ने दलील दी है कि हमारे पास बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए उन्हें इतने स्टाफ की जरूरत तो पड़ती ही है। 

बता दें कि ये वही प्रद्युम्न सिंह तोमर हैं जो कभी बिजली के खंभे पर चढ़कर तो कभी नाली में उतरकर मीडिया सुर्खियों में बने रहते हैं। तोमर के ठाठ-बाट से जुड़ी यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब आर्थिक जानकार लगातार खर्चों में कटौती का सुझाव दे रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार पर 2.53 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है और सरकार एक बार फिर से 2 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने जा रही है।