मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण के साथ होंगे पंचायत-निकाय चुनाव, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

मध्य प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में OBC वर्ग को आरक्षण मिलेगा, हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह भी साफ किया है कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होगा

Updated: May 18, 2022, 06:44 AM IST

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को भी आरक्षण दिया जाएगा। हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया है कि एक सप्ताह में आरक्षण नोटिफाई किया जाए। अगले एक सप्ताह में चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% (OBC, SC/ST को मिलाकर) से अधिक नहीं होगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद यह तय हो गया है कि ओबीसी वर्ग को 28 फीसदी के बजाए अब महज 14 फीसदी आरक्षण से ही संतोष करना पड़ेगा।

ओबीसी वर्ग को महज 14 फीसदी आरक्षण दिए जाने को कांग्रेस ने अन्याय करार दिया है। पूर्व सीएम व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा है कि, 'ये तो ओबीसी समुदाय के साथ सरासर अन्याय है। उन्हें 28 के बजाए 14 फीसदी आरक्षण का ही लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने ठीक से ट्रिपल टेस्ट नहीं किया। कांग्रेस इसका विरोध करेगी और हम फिर से जो कानूनी कार्रवाई संभव हो सकेगा वह करेंगे।' वहीं कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इसे भारतीय संविधान और ओबीसी वर्ग की जीत बताया है। 

बता दें कि इसके पहले शीर्ष अदालत ने ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने से इंकार कर दिया था। तब विपक्षी दल कांग्रेस ने इसके लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया। चुनाव पूर्व किरकिरी होता देख राज्य सरकार ने OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई को सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की थी। सरकार ने OBC आरक्षण देने के लिए 2011 की जनसंख्या के आंकड़े प्रस्तुत किए थे। इसके अनुसार प्रदेश में OBC की 51% आबादी बताई गई। इस पर 17 मई को भी सुनवाई हुई लेकिन न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 18 मई को कोर्ट ने ओबीसी वर्ग के आरक्षण देने का ऐलान किया।