जिला पंचायत चुनावों में कांग्रेस का जलवा: भोपाल, देवास, छिदवाड़ा, धार में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों की प्रचंड जीत

छिंदवाड़ा, देवास, धार, रीवा समेत प्रदेशभर में अपनी प्रचंड जीत का कांग्रेस ने किया दावा, छिंदवाड़ा के 8 में से 7 जिला पंचायत की सीट पर कांग्रेस का कब्जा, देवास के 18 में से 14 सीटों पर कांग्रेस विचारधारा वाले प्रत्याशी जीते, आधिकारिक घोषणा के लिए करना होगा इंतज़ार

Updated: Jun 26, 2022, 04:49 PM IST

Representative Image, Courtesy: News 18
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भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रथम चरण के पंचायत चुनाव के रुझान सामने आने लगे हैं। पंचायत चुनावों में विपक्षी दल कांग्रेस का जलवा देखने को मिला है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर में लगभग 75 फीसदी जिला पंचायत की सीटों पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया है। भोपाल जिला पंचायत के 10 में से 7 सीट कांग्रेस के खाते में आई है।

भोपाल जिला पंचायत की बात करें तो वार्ड 1 मोहन सिंह जाट (कांग्रेस), वार्ड नंबर 2 से बीजेपी के बागी
अनिल हाड़ा की पत्नी, वार्ड नंबर 3 से विजय विनोद राजौरिया (कांग्रेस), वार्ड नंबर 4 से कांग्रेस समर्थित रामगोपाल राजपूत लोधी की बहु, वार्ड नंबर पांच से सम्राट अशोक मीणा (बीजेपी), वार्ड नंबर 6 से नौरंगा गुर्जर की पत्नी (कांग्रेस), वार्ड नंबर 7 से विनय मेहर (कांग्रेस), वार्ड नंबर 8 से विक्रम भालेश्वर (कांग्रेस) और वार्ड नंबर 10 से रश्मि अवनीश भार्गव (कांग्रेस) ने जीत दर्ज की है।

इसी तरह के रुझान प्रदेश के अन्य जिलों से भी सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि देवास जिले के 18 जिला पंचायत सीटों में 14 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया है। इसी तरह छिंदवाड़ा के 8 में से 7 पर कांग्रेस, धार के 10 में से 9 पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई है। ग्रामीण इलाकों के नतीजों के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के जश्न का माहौल है।

इसी तरह के नतीजे रीवा जिले से भी सामने आए हैं। यहां वार्ड नंबर 27 से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के पुत्र राहुल गौतम चुनाव हार गए। बीजेपी एमएलए पंचूलाल प्रजापति की पत्नी भी चुनाव हार गईं। रीवा जिले से ही बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष एवं विधानसभा प्रत्याशी रही संतोष सिंह सिसोदिया भी चुनाव हार गईं हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसपर तंज कसते हुए कहा है कि बीजेपी की नाव डूब रही है।

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने इसे कांग्रेस नेतृत्व पर जनता के अटूट भरोसे का नतीजा बताया है। हम समवेत से बातचीत के दौरान आनंद जाट ने कहा कि, 'इस चुनाव से साफ हो गया है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस एकजुटता के साथ लड़ाई लड़ रही है। वहीं सत्ताधारी दल बीजेपी के शिवराज गुट, महाराज गुट और नाराज गुट में खंड हो गया है और ग्रामीण मतदाताओं ने उनके पाखंड को उजागर कर दिया है।'

आनंद जाट ने आगे कहा कि, 'यह जीत किसानों, मजदूरों, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, नौजवानों की कांग्रेस पर भरोसे की जीत है। प्रदेश की लुटेरी शिवराज सरकार का अंत निकट है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भी जनता इन लुटेरों को सबक सिखाएगी।'