मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को आगे बढ़ाया, सोमवार को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण और परिसीमन संबंधी विवाद पर सुनवाई को 13 दिसंबर तक के लिए टाल दिया है, कांग्रेस नेताओं ने दी है हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती

Updated: Dec 11, 2021, 08:42 AM IST

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर पेंच फंसता जा रहा है। पंचायत चुनाव में आरक्षण और परिसीमन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए सोमवार को अगली तारीख दी है। सुप्रीम कोर्ट में 13 दिसंबर को अब मामले की अगली सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका के साथ ही मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में आरक्षण संबंधी रोटेशन का पालन ना करने वाली याचिका की सुनवाई होगी। शनिवार को याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी वरिष्ठ वकील वरुण ठाकुर ने की। सुप्रीम कोर्ट में याचिका कांग्रेस नेता सैयद जफर और जया ठाकुर ने लगाई है।

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दरअसल, गुरुवार को पंचायत चुनाव से जुड़ी सभी याचिकाओं पर जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। करीब 40 मिनट लंबी बहस के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने कहा है कि पंचायत चुनाव पर सरकार का ही निर्णय मान्य होगा।

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा था कि हम हाईकोर्ट के इस फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती देंगे। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव के नोटिफिकेशन में साल 2014 के चुनाव वाली आरक्षण व्यवस्था लागू की गई है जो पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है। क्योंकि नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि पांच साल में रोटेशन के आधार पर आरक्षण होगा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव डालकर चुनाव कार्यक्रम घोषित कराया गया है।