सिंधिया के करीबी मंत्री तक पहुंची व्यापमं पेपर लीक कांड की आंच, गोविंद सिंह राजपूत के बेटे के कॉलेज का निकला स्क्रीनशॉट

व्यापमं की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा के पर्चे का वायरल स्क्रीन शॉट सही था और यह मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे के कॉलेज से वायरल हुआ

Updated: Mar 31, 2022, 06:32 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लीक हुए पेपर का वायरल स्क्रीन शॉट सही था। व्यापमं की प्रारंभिक जांच में यह बात साबित हो गई है। लेकिन इसमें नया मोड़ यह है कि पेपर लीक कांड में ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम जुड़ गया है। जिस कॉलेज से यह पेपर लीक हुआ वह मंत्री राजपूत के बेटे, आदित्य राजपूत का कॉलेज बताया जा रहा है।

PEB के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि यह स्क्रीन शॉट​​​​​ सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेस सेंटर से जारी हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक MP TET-2020 परीक्षा के प्रश्नपत्र के वायरल हुए स्क्रीन शॉट में बताए गए प्रश्न 25 मार्च 2022 को हुई परीक्षा में पूछे गए थे। जिस पेपर का स्क्रीन शाॅट वायरल हो रहा है, वह इसी कॉलेज से परीक्षा देने वाले छात्र मनोज कुमार पाटिल का है।

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सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट के को-चैयरमैन आदित्य राजपूत प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे हैं। हालांकि, ज्ञानवीर इंस्टिट्यूट ने पेपर लीक कांड से पल्ला झाड़ लिया है। संस्थान का कामकाज देखने वाले मनीष जैन ने कहा है कि हमारे कॉलेज ने सिर्फ कंप्यूटर और हॉल किराए पर दिए थे। पेपर लीक से हमारा कोई संबंध नहीं है। हमारे यहां साईं एडुकेयर नाम की संस्था ने एग्रीमेंट कर बिल्डिंग किराए पर ली थी, जो भी कुछ हुआ उसकी जिम्मेदारी उन्हीं की है। 

पेपर लीक कांड में मंत्री पुत्र का नाम सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने शिवराज सरकार पर चौतरफा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि नतीजे यदि एग्ज़ाम केंद्रों के आधार पर घोषित करें तो और पोल खुलेगी। कुछ केंद्रों के नतीजे चौंकाने वाले होंगे।

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कांग्रेस नेता अरुण यादव ने मंत्री राजपूत को निशाने पर लेते हुए कहा कि, 'पहले प्रदेश की जनता के मत को बेचकर लोकतंत्र का गला घोंटा था और बेटे के कॉलेज से पेपर लीक कराकर लाखों छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया। इस महाघोटाले में 10 लाख छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। परीक्षा रद्द होनी चाहिए।'

युवा कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'सिंधिया गैंग ने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए कांग्रेस से पाला बदला था। कमलनाथ सरकार के दौरान उन्हें घोटाले के मौके नहीं मिल रहे थे। इसलिए उन्होंने जनादेश को बेच दिया। अब वे शिवराज गैंग के साथ मिलकर घोटाले कर रहे हैं। प्रदेश का युवा आने वाले समय में इन घोटालेबाजों को सबक सिखाएगा।'