77 साल पुराने दतिया के लोकेंद्र क्लब तोड़ने पर विधानसभा में हंगामा, नरोत्तम मिश्रा ने कहा अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के गृह क्षेत्र दतिया में तोड़ा गया 77 साल पुराना लोकेंद्र क्लब, कांग्रेस ने कहा इतने साल क्यों चलते रहे सरकारी दफ़्तर, नरोत्तम मिश्रा ने बताया अवैध निर्माण

Updated: Mar 05, 2021, 12:11 PM IST

Photo courtesy: bhaskar
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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में आज एक बार फिर से गर्मागर्म माहौल देखने को मिला है। सदन में कांग्रेस विधायकों ने दतिया के लोकेंद्र क्लब को तोड़े जाने पर जमकर हंगामा किया। सदन में लोकेंद्र क्लब का मामला उठने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक ने क्लब में लूट मचा रखी थी।

शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह ने सदन को बताया कि दतिया स्थित लोकेंद्र क्लब को बिना नोटिस के तोड़ दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने क्लब में रखे 5 करोड़ की कीमत का बिलियर्डस टेबल भी तोड़ दिया है। 

सदन में लोकेंद्र क्लब का जिक्र होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भड़क गए। गृहमंत्री ने कहा, 'विपक्ष इस मामले को सिर्फ इसलिए तूल दे रही है क्योंकि कांग्रेस के पूर्व विधायक घनश्याम सिंह इस क्लब के अध्यक्ष थे। कांग्रेस नेता दतिया में लूट मचा रहे हैं। उन्होंने क्लब में 200 दुकानें बनवाकर अवैध तरीके से बेच दीं। नरोत्तम मिश्रा ने ये भी पूछा है कि अगर ये क्लब वेध है तो उन्हें रजिस्ट्री दिखायी जाए, वो खुद इसका निर्माण कराएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि ये तो रेलवे की सीट पर रूमाल बिछाने का मामला लगता है।

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नरोत्तम मिश्रा के इन बयानों के बाद कांग्रेस विधायक और भड़क गए और स्पीकर के आसन के पास इकट्ठे हो गए। इसपर मिश्रा ने कहा कि आप इसपर स्थगन प्रस्ताव लेकर आइए सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। इसपर कांग्रेस नेता गोविंद सिंह राजपूत ने सवाल पूछा कि यदि लोकेंद्र क्लब अवैध है तो वहां नेहरू युवा क्लब से लेकर अन्य सरकारी दफ्तरों को कैसे खोला गया था।

लोकेंद्र क्लब का इतिहास

लोकेंद्र क्लब को स्टेट के वक्त में आम जनता, व्यापारी और रियासत के लोगों ने चंदा देकर बनवाया था। स्थानीय पीडब्ल्यूडी बुक्स में भी इसीलिए यह दर्ज नहीं है। क्योंकि तब संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन नहीं होते थे, इसलिए इस क्लब के रजिस्ट्रेशन पेपर को लेकर विवाद है। हालांकि घनश्याम सिंह कहते हैं कि वो जब अध्यक्ष बने तो इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया और इसका विधान भी बनाया गया।

घनश्याम सिंह का कहना है कि गुरुवार शाम को तहसीलदार ने नोटिस भेजकर कहा कि आपने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है, इसे हटा लें। मैंने उसका जवाब भेज दिया था। लेकिन शुक्रवार को नगर पालिका ने बिल्डिंग को 75 साल पुरानी बताकर तोड़ दिया। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई पूरी तरह से अवैधानिक है। राजनीतिक द्वेष की भावना से कार्रवाई की जा रही है। 

वर्तमान अध्यक्ष घनश्याम सिंह यहां पर बीते सत्रह साल से पद पर कायम हैं। यहां साल 2003 के बाद से अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ है। क्योंकि दतिया, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का इलाका है इसलिए पूरी कार्रवाई को राजनीतिक द्वेष की कार्रवाई भी करार दी जा रही है।