MP में स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग का मर्जर, कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला

चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के एकीकरण से विभाग की कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। इसमें जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के बीच अब तक जो तालमेल की स्थिति नहीं रहती थी, वह अब हो सकेगी: कैलाश विजयवर्गीय

Updated: Jan 23, 2024, 07:00 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन भागवत की अगुवाई में मंगलवार को राजधानी भोपाल में कैबिनेट बैठक आहूत की गई। बैठक में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को मर्ज करने का फैसला लिया गया। साथ ही नई शिक्षा नीति के आधार पर हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का फैसला भी कैबिनेट ने लिया है। 

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कैबिनेट बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को मर्ज कर दिया गया है। इससे विभाग की कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। इसमें जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के बीच अब तक जो तालमेल की स्थिति नहीं रहती थी, वह अब हो सकेगी। अब सभी जवाबदारी स्वास्थ्य मंत्री के पास रहेगी।

विजयवर्गीय ने कहा कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अब नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टाफ के पाठ्यक्रम भी शामिल किए जाएंगे। इससे पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढे़गी। कोरोना के बाद इनकी जरूरत बढ़ी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस की स्थापना को मंजूरी दी गई है। हर जिले में पहले से मौजूद एक कॉलेज की कमियों को दूर कर नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जो जरूरतें हैं, उसे पूरा किया जाएगा और पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का रूप दिया जाएगा। राज्य सरकार ही इसका खर्च उठाएगी।

कैबिनेट बैठक में रतलाम जिले में माही जल प्रदाय समूह योजना में मझूड़िया समूह के लिए ड्रिंकिंग वाटर के लिए नल जल योजना को मंजूरी दी गई है। इससे आदिवासी परिवारों को शुद्ध जल मिलेगा। इसमें 204 करोड़ की लागत आएगी। साथ ही जल प्रदूषण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई है। जल प्रदूषण के छोटे से मामले में कोर्ट जाना पड़ता है। इसे अधिकारियों से निराकरण कराने पर सहमति बनी है। प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेंगे। इसके बाद अंतिम फैसला होगा।