BJP मंत्री की फिसली जुबान, बोले- मुझे पार्टी ने जिम्मेदारी दी है एक भी बूथ पर भाजपा न जीते

मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह एक वीडियो वायरल में बीजेपी को सभी बूथों पर हराने की बात करते देखे गए, मामला तूल पकड़ा तो बोले- जल्दबाजी में गलती हो गई, कांग्रेस बोली- जुबान फिसली तो मंत्री पद भी फिसला

Updated: Oct 02, 2021, 03:29 PM IST

Photo Courtesy : News18
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भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के नेता अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार में जुट गए हैं। इसी बीच शिवराज कैबिनेट के वन मंत्री विजय शाह का एक बयान सुर्खियों में है, जिसमें वे कह रहे हैं कि मुझे जिम्मेदारी मिली है की एक भी बूथ पर बीजेपी न जीत पाए।

दरअसल, वन मंत्री विजय शाह की जुबान फिसलने के कारण उन्होंने कांग्रेस को हराने की बजाए बीजेपी को हराने की बात कह डाली। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में शाह कह रहे हैं कि मुझे पार्टी ने जिम्मेदारी दी है कि मांधाता क्षेत्र के 264 में से एक भी बूथ पर बीजेपी का उम्मीदवार नहीं जीत सके।

मामला तूल पकड़ने के बाद विजय शाह ने स्पष्टीकरण भी जारी किया है। शाह के मुताबिक जल्दबाजी में वे बीजेपी को हराने की बात कह गए। विजय शाह ने वीडियो जारी कर कहा, 'मैं अपने ससुर जी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के लिए ओमकारेश्वर जाते वक्त मैने बीजेपी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली और कहा कि एक भी बूथ पर बीजेपी हारनी नहीं चाहिए। क्योंकि मैं जल्दीबाजी में था और जुबान फिसलने की वजह से हारने की जगह बीजेपी न जीते बोल दिया।'

विजय शाह ने आगे कहा कि, 'इसी बात से कांग्रेसी खुश हो रहे हैं। जुबान फिसलने पर बात को बतंगड़ बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। गिद्धों के श्राप से गाय नहीं मरती। कांग्रेसियों के बोलने से बीजेपी हारनेवाली नहीं है। हम 264 पोलिंग बूथों पर बीजेपी को जिताएंगे।' शाह ने इस दौरान खुली शर्त लगाने का भी ऑफर दिया।

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शाह के स्पष्टीकरण पर कांग्रेस ने कहा है कि इधर जुबान फिसली उधर मंत्री पद फिसला। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने ट्वीट किया, 'वाह मंत्री जी , वाह..आप जल्दी में थे इसलिये आपने भाजपा को हरा दिया और अब जिताने में लग गए। वैसे भी दिन में इस तरह ज़ुबान का फिसलना ठीक नही, एक बार रात में आपकी ज़ुबान फिसली थी तो आपका मंत्री पद फिसल गया था। आप संवैधानिक पद पर हैं, शर्त-वर्त लगाना आपको शोभा नही देता।'