उपभोक्ताओं से होती रही अधिक वसूली, आईटी रिफंड की तरह GST रिफंड करे सरकार: जीतू पटवारी

जीतू पटवारी ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में जिन उपभोक्ताओं ने 28 फीसदी की दर से जीएसटी का भुगतान किया है, उन्हें जीएसटी दरों में कमी के बाद दी गई अतिरिक्त राशि का रिफंड मिलना चाहिए।

Updated: Sep 22, 2025, 06:32 PM IST

भोपाल। देश में आज से GST रिफॉर्म लागू हो गए हैं। भाजपा इसे ‘ग्रेट सेविंग फेस्टिवल' बता रही है। सत्तापक्ष का कहना है कि अब कई प्रोडक्ट्स सस्ते हो गए हैं और लोगों की बचत भी बढ़ेगी। लेकिन विपक्ष का सवाल है कि अबतक जनता से ज्यादा वसूली क्यों की जा रही थी? मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो आईटी रिफंड की तर्ज पर जीएसटी रिफंड करने की मांग कर दी है।

पीसीसी चीफ पटवारी ने सोमवार को मीडिया के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार और मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिस तरह आयकर (आईटी) रिफंड की व्यवस्था है, उसी तरह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में भी रिफंड की नीति आम जनता के लिए लागू की जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में जिन उपभोक्ताओं ने 28% की दर से जीएसटी का भुगतान किया है, उन्हें जीएसटी दरों में कमी (जैसे 18%) के बाद दी गई अतिरिक्त राशि का रिफंड मिलना चाहिए।

जीतू पटवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी को 'गब्बर सिंह टैक्स' बनाकर आम जनता की जेब पर डाका डाला है। पिछले वर्षों में जीएसटी के माध्यम से सरकार ने लगभग 55 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए, जिसका बोझ गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ा, जबकि बड़े उद्योगपतियों जैसे अडानी और अंबानी को इसका लाभ मिला।

पटवारी ने कहा कि राहुल गांधी शुरू से कहते रहे हैं कि जीएसटी को एक स्लैब में लाया जाए ताकि यह आम जनता की पहुंच में हो और उनकी जेब पर बोझ न पड़े, लेकिन मोदी सरकार ने न केवल जीएसटी को जटिल बनाए रखा, बल्कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के बीच जनता की क्रय शक्ति को भी कमजोर किया।

पटवारी ने कहा कि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार पिछले वर्षों में 18% के बजाय 28% की दर से लिए गए अतिरिक्त जीएसटी का रिफंड सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि यह जनता का अधिकार है, और सरकार को इसके लिए नीति बनानी चाहिए।

पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह जीएसटी के माध्यम से पिछले कई वर्षों से गरीबों पर डाले गए आर्थिक बोझ के लिए देश से माफी मांगें। उन्होंने कहा, "मोदी जी को अब राहुल गांधी जी के विजन की सच्चाई समझ आ गई है, लेकिन उनकी नीतियों ने एक बड़े वर्ग को गरीबी में धकेल दिया है। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।