आज तय हो सकती है निगम मंडल की नियुक्तियों की सूची, सीएम शिवराज और वीडी शर्मा के बीच बैठक की चर्चा

बीजेपी में एक धड़ा निगम मंडल की नियुक्तियों को उपचुनाव तक टालना चाहता है, जबकि दूसरा धड़ा उपचुनाव से पहले हो नियुक्तियों के पक्ष में है

Updated: Aug 01, 2021, 07:43 AM IST

Photo Courtesy: Punjab Kesari
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भोपाल। सीएम शिवराज के दिल्ली से भोपाल वापसी के बाद एक बार फिर निगम मंडल की नियुक्तियों को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। सूत्रों की मानें तो आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच इस मामले में चर्चा हो सकती है। इस चर्चा को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि इस बैठक में मंडल नियुक्तियों की सूची को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इससे पहले भी कई मर्तबा बीजेपी के नेता निगम मंडल की नियुक्तियों के संबंध में बैठक कर चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक सीएम शिवराज और वीडी शर्मा की यह बैठक राजधानी भोपाल से बाहर होने वाली है। इस बैठक में सरकार और संगठन से जुड़े मसलों पर अंतिम चर्चा होने का अनुमान है। बैठक में मंडल नियुक्तियों की सूची पर अंतिम निर्णय लेने के साथ साथ प्रदेश संगठन के प्रवक्ता और पैनलिस्ट के नामों पर भी चर्चा हो सकती है। 

निगम मंडल की नियुक्तियों में सिंधिया समर्थक नेताओं को एडजस्ट करने पर मंथन होने का अनुमान है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सिंधिया समर्थक इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, मुन्ना लाल गोयल और रक्षा संतराम सिरोलिया सरीखे नेताओं को निगम मंडल की नियुक्तियों में जगह मिल सकती है। 

दरअसल मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही सिंधिया खेमे बीजेपी और शिवराज सरकार के लिए बड़ा सिर दर्द बना हुआ है। सत्ता परिवर्तन के बाद पहले मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश कार्यसमिति में भी सिंधिया समर्थक खेमा जगह बनाने के लिए बीजेपी में जोर देता रहा। खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नियुक्तियों के संबंध में बीजेपी के नेताओं से बारंबार मुलाकात की। अब निगम मंडल की नियुक्तियों को लेकर भी सिंधिया खेमा बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 

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हालांकि निगम मंडल की नियुक्तियों को लेकर खुद बीजेपी दो खेमे में बंट गई है। पार्टी का एक पक्ष प्रदेश में होने वाले उपचुनावों तक के लिए निगम मंडल की नियुक्तियों को टालना चाहता है। जबकि दूसरे धड़े का मत है कि निगम मंडल की नियुक्तियों में देरी उपचुनाव में बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती है। और पार्टी को दमोह जैसे ही परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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मध्य प्रदेश में इस समय तीन विधायकों जोबट से कलावती भूरिया, पृथ्वीपुर से बृजेंद्र सिंह राठौर और रेंगवा जुगल किशोर के निधन के बाद विधानसभा की तीन सीटें रिक्त हैं। जबकि खंडवा से बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद से एक लोकसभा सीट भी खाली है। जिस तरह से कांग्रेस ने इन उपचुनावों को लेकर बैठकों और रणनीति का दौर शुरू कर दिया है, उसके कारण बीजेपी खेमे में दमोह मॉडल को दोबारा दोहराए जाने की आशंका घिर गई है। यही वजह है कि बीजेपी का प्रदेश आलाकमान जल्द से जल्द पार्टी के भीतर नाराज़गी की खाई को पाटना चाहता है।