MP By-polls: क्या अपनी सीटें बचा पाएंगे शिवराज के 8 मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर

ग्वालियर चंबल इलाके में चुनाव लड़ रहे हैं शिवराज के 8 मंत्री, इन सबकी जमानत जब्त होने का कांग्रेस का दावा

Updated: Oct 03, 2020, 04:25 AM IST

Photo Courtesy: The Print
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ग्वालियर। ग्वालियर चंबल इलाके की 16 सीटों में से आठ सीटों पर शिवराज कैबिनेट के मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। शिवराज सरकार के ये मंत्री उपचुनाव जीतने में सफल रहे तो उनकी राजनीति चलती रहेगी। लेकिन अगर इन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा तो इनका राजनीतिक भविष्य संकट में आ सकता है। इतना ही नहीं, ऐसा हुआ तो इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूतबे की भी हवा निकल सकती है।

दांव पर है इन मंत्रियों का राजनीतिक भविष्ठ

ग्वालियर चंबल अंचल में शिवराज सिंह चौहान मंत्री मंडल के आठ मंत्रियों को चुनावी अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। कैबिनेट मंत्रियों मेंं एदल सिंह, प्रद्युम्न सिंह, इमरती देवी और महेंद्र सिसौदिया चुनावी मैदान में है, तो चुनाव लड़ने वाले राज्यमंत्री हैं ओपीएस भदौरिया, सुरेश राठखेडा, गिर्राज दंडौतिया और बृजेंद्र यादव। इन सभी के लिए अपनी सीट के साथ-साथ सियासी करियर बचाने की चुनौती है। एक नज़र डालते हैं पिछले विधानसभा चुनाव में इनके प्रदर्शन पर:

  1. एदल सिंह - सुमावली विधानसभा सीट से-  बीजेपी के अजब सिंह को 13313 वोट से हराकर जीते थे
  2. इमरती देवी-  डबरा विधानसभा सीट से- बीजेपी के कप्तान सिंह को 57446 वोट से हराकर जीते थे
  3. प्रधुम्न सिंह- ग्वालियर विधानसभा सीट से- बीजेपी के जयभान सिंह को 21044 वोट से हराकर जीते थे
  4. महेंद्र सिंह- बमौरी विधानसभा सीट से- बीजेपी के बृजमोहन आजाद को 27920 वोट से हराकर जीते थे
  5. ओपीएस भदौरिया- मेहगांव विधानसभा सीट से- बीजेपी के राकेश शुक्ला को 25814 वोट से हराकर जीते थे
  6. गिरिराज दडौतिया- दिमनी विधानसभा सीट से, बीजेपी के शिवमंगल सिंह तोमर को 18477 वोट से हराकर जीते थे
  7. सुरेश राठखेडा- पौहरी विधानसभा सीट से,  बीएसपी के कैलाश कुशवाहा को 7918 वोट से हराकर जीते थे
  8. बृजेंद्र सिंह यादव- मुंगावली विधानसभा सीट से, बीजेपी के केपी यादव को 2136 वोट से हराकर जीते थे

आठों मंत्रियों की जमानत जब्त होने का कांग्रेस का दावा 

ग्वालियर चंबल में आठ मंत्रियों की साख दांव पर लगी है, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि इन सभी मंत्रियों ने जनमत बेचा है, लिहाजा इस बार जनता इनको सबक सिखाएगी। हालांकि बीजेपी के तमाम नेता दावा कर रहे हैं कि जनता इन सभी मंत्रियों को आशीर्वाद देगी और सभी आठ मंत्री बड़े अंतर से जीतेंगे। लेकिन ध्यान में रखने वाली बात यह है कि इन सभी मंत्रियों ने 2018 का विधानसभा चुनाव जिस बीजेपी को हराकर जीता था, आज इन्हें उसी के नाम पर मतदाताओं से वोट मांगने हैं। ऐसे में यह सवाल तो उठेगा ही कि आखिर सत्ता के लिए रातों-रात पाला बदलकर जनता पर दोबारा चुनाव थोपने वाले इन नेताओं की विश्वसनीयता क्या है?
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