MP By-polls: सिंधिया की सियासत पर एक और संकट, लोकसभा में हराने वाले केपी यादव के समर्थक नाराज़

Scindia Vs Yadav: गुना लोकसभा चुनाव में सिंधिया को हराकर बीजेपी सांसद बने थे केपी यादव, अब उनके समर्थक महाराज पर लगा रहे बदला लेने का आरोप

Updated: Oct 03, 2020, 04:58 AM IST

Photo Courtesy : The Quint
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गुना। दशकों तक सिंधिया परिवार का गढ़ रहा गुना का इलाका एक बार फिर से महाराज की प्रतिष्ठा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। वजह है पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को धूल चटाकर सांसद बनने वाले केपी यादव के समर्थकों की नाराज़गी। बीजेपी सांसद केपी यादव के समर्थकों का कहा है कि कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया लोकसभा चुनाव में अपनी हार का बदला लेने के लिए अपनी ही पार्टी के सांसद का अपमान करवा रहे हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र में दो सड़कों के भूमि पूजन का कार्यक्रम इस नाराज़गी की सबसे ताज़ा वजह है।

दरअसल, एमपी में गुना जिले की बमोरी विधानसभा क्षेत्र में 3 नवंबर को उपचुनाव होना है। यहां आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले बमोरी के भदौरा गांव में दो सड़कों का भूमि पूजन हुआ। लेकिन भूमिपूजन के लिए लगाए गए शिलालेख में के पी यादव का नाम नहीं दिया गया, जबकि वे इलाके के बीजेपी सांसद हैं। केपी यादव के समर्थकों का आरोप है कि सिंधिया की बदले की राजनीति के चलते उनके सांसद का बीजेपी के ही कार्यक्रमों में  जानबूझकर अपमान किया जा रहा है। केपी यादव के समर्थकों ने एलान कर दिया है कि वे अपने नेता के इस अपमान का हिसाब चुकाने के लिए बमोरी से बीजेपी उम्मीदवार और प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को हराकर दिखाएंगे।

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केपी यादव के समर्थकों का मानना है कि उनके सांसद का अपमान किए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। जब से सिंधिया पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हुए हैं, उनके इशारे पर बार-बार ऐसा किया जा रहा है। इससे पहले जमरा गांव में शिलान्यास के दौरान भी सांसद केपी यादव का नाम शिलालेख पट्टिका पर नहीं था। समर्थकों के विरोध के बाद उनका नाम जोड़ा गया। और अब एक बार फिर से उनका नाम शिलालेख पट्टिका से गायब कर दिया गया। जबकि इसी पट्टिका पर पंचायत मंत्री सिसोदिया के अलावा जिला अध्यक्ष गजेंद्र सिंह सिकरवार, गुना के विधायक गोपीलाल जाटव ही नहीं, सरपंच सचिव तक के नाम तक दर्ज थे। 

अपने नेता के अपमान से आहत समर्थक अब खुलकर बीजेपी के विरोध में स्वर उठाने लगे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने बमोरी विधानसभा उपचुनाव में सिंधिया-समर्थक महेंद्र सिंह सिसोदिया को हराने की रणनीति बना ली है। वे लोगों से उन्हें वोट न देने की अपील गांव-गांव जाकर करेंगे। साथ ही, सिसोदिया द्वारा वन भूमि पर कराए जा रहे अवैध अतिक्रमण, गुंडागर्दी, जनपद के कार्यों में गोलमाल और घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग जैसे मुद्दों के निष्पक्ष जांच की मांग भी वे करेंगे।