MP: शराब की बोतलों की माला पहन विधानसभा पहुंचे कांग्रेस MLA, 20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप
तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार गले में शराब की बोतलों की माला पहनकर पहुंचे। उन्होंने प्रदेश सरकार पर शराब घोटाले के आरोप लगाए।
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज तीसरा दिन है। बुधवार को सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने अनोखा प्रदर्शन किया। उज्जैन के तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार शराब की बोतल की माला पहनकर सदन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर 20 हजार करोड़ रूपए के शराब घोटाले के आरोप लगाए।
महेश परमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आज वित्त मंत्री बजट पेश कर रहे हैं। दूसरी तरफ राजस्व की चोरी करके शराब घोटाला हो रहा है। उन्होंने कहा 2015-16 में अकेले इंदौर जिले में फर्जी चालान के माध्यम से 100 करोड़ का घोटाला हुआ था। ऐसे 15-20 सालों में लगभग 20 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। उन्होंने दोषी अधिकारी द्वारा शराब ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों के खाते में 22 करोड़ डालने के भी आरोप लगाए।
तराना विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरते हुए कहा कि पीएम कहते हैं कि जो शराब घोटाला करेगा उसे छोड़ेंगे नहीं। तो क्या दिल्ली में अलग कानून है और मध्य प्रदेश में अलग। दिल्ली से भी बड़े घोटाले मध्य प्रदेश में चल रहे है। एक-एक जिले में 100 करोड़ से ज्यादा के शराब घोटाला है।
उधर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार चाय की केतली लेकर पहुंचे। उन्होंने सदन के बाहर चाय बांटी। सिंघार ने कहा कि यदि नौकरी नहीं मिलेगी तो प्रदेश के युवा पेट पालने के लिए क्या करेंगे? मोदी जी की चाय बेचेंगे क्या? सिंघार ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी का भी विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि ये पूरे देश के दलितों का अपमान है। सरकार तुरंत इस पर माफी मांगे। इसपर स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है, उसके बारे में किसी तरह का आरोप लगाना ठीक नहीं है।
विधानसभा में विधायक जयवर्धन सिंह ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिए गए आदेश का पालन नहीं करने का मामला उठाया। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 2011 में जारी आदेश का जिक्र करते हुए कहा, 'इसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि अगर विधायक किसी भी विभाग को पत्र भेजता है तो 3 दिन के अंदर पावती मिलनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है।'
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जयवर्धन ने कहा कि 6 महीने पहले उन्होंने पत्र लिखा था लेकिन आज तक कोई जानकारी नहीं दी गई। जब विधानसभा के माध्यम से सवाल किया तो सारे अफसर जाग गए। सिंह ने कहा कि निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर अफसर निर्देश का पालन नहीं करता है तो निलंबित हो सकता है। जयवर्धन ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों की भी हालत खराब है। बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल को एसपी के सामने दंडवत होना पड़ा है।