MP Election 2023: दिग्विजय सिंह को मिली डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी, नाराज दावेदारों से की एकजुटता की अपील

MP Election 2023: मध्य प्रदेश कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद बगावत पर बोले दिग्विजय सिंह, 90 फीसदी टिकट सर्वे के आधार पर मिला, जिन्होंने दिल्ली भोपाल किया उन्हें टिकट नहीं मिला।

Updated: Oct 23, 2023, 06:01 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने 229 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। दो चरणों में सूची जारी होने के बाद एक ओर कांग्रेस नेतृत्व जहां आत्मविश्वास से लबरेज है, वहीं कुछ सीटों पर घोषित प्रत्याशियों का विरोध भी शुरू हो गया है। चुनाव पूर्व पार्टी में उपजे अंतर्विरोधों से निपटने की जिम्मेदारी इस बार भी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को दी गई है। सिंह रूठे नेताओं को मनाने और डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को राजधानी भोपाल में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, 'चार अलग अलग कंपनियों के द्वारा सर्वे कराए गए थे। पार्टी ने 90 फीसदी टिकट सर्वे के आधार पर दिए हैं। जिन्होंने दिल्ली-भोपाल किया उन्हें टिकट नहीं मिला है। टिकट वितरण मे थोड़ी बहुत गड़बड़ी स्वाभाविक है लेकिन नाराज कार्यकर्ता भरोसा रखें, सारे मतभेद भुलाकर सब साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार बनाने में सहयोग करें।'

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पूर्व मुख्यमंत्री ने नाराज नेताओं से अपील करते हुए कहा कि जिसे टिकट मिला उसके लिए काम करें। उन्होंने कहा, 'मुझे और रणदीप सुरेजवाला को नाराज नेताओं को समझाने की जिम्मेदारी दी गई है। कमलनाथ जी पर हम प्रेशर नहीं डालना चाहते हैं। जो भी नाराज हैं हम उनसे बात करेंगे। चुनाव के बाद सरकार बनने के बाद नाराज उम्मीदवारों के साथ न्याय किया जाएगा।'

दिग्विजय सिंह ने टिकट वितरण प्रक्रिया को लेकर कहा कि सबसे खराब काम उम्मीदवारों का चयन करना है। उन्होंने कहा, '1985 मे मुझे पहली बार प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, तब से इस प्रक्रिया से जुड़ा हूं। प्रत्याशियों के चयन में इस बार मेरे करियर का सबसे पारदर्शी तरीका अपनाया गया है। असल में दावेदार 4 हजार थे और सब आकर कहते हैं कि मैं 25 हजार से जीतूंगा लेकिन सबको तो टिकट नहीं दे सकते। ऐसे में उम्मीदवारों का नाराज होना स्वभाविक है।'

ईवीएम को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि, 'मैं ईवीएम से वोट कराने का विरोध नहीं करता लेकिन चुनाव आयोग बताए कि जिस मशीन में चिप लगी हो तो वह टेंपर प्रूफ कैसे हो सकती है? EVM में वोट कहां गया ये जानना हमारा संवैधानिक अधिकार है। EVM, VVPAT और काउंटिंग यूनिट में जो सॉफ्टवेयर है, चुनाव आयोग को निष्पक्षता से उस सॉफ्टवेयर के विषय में जानकारी देनी चाहिए। इलेक्शन कमिशन हमसे मिलने को तैयार नहीं है। हमने एक सवालों की फेहरिस्त बनाई थी लेकिन आयोग उसका जवाब नहीं दे रहा है।'

बता दें कि कांग्रेस की ओर से EVM को लेकर बनाई गई कमेटी को दिग्विजय सिंह लीड कर रहे हैं। सिंह ईवीएम के संबंध में विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें भी कर चुके हैं। दिग्विजय सिंह की अगुवाई में देश के प्रमुख विपक्षी दलों द्वारा निर्वाचन आयोग से मांग की जा रही है कि VVPAT की पर्ची से काउंटिंग की जाए। 

सोमवार को पूर्व सीएम ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए भी लिखा, 'माननीय चुनाव आयोग से एक ही गुज़ारिश है कि  VVPAT स्लिप हमें हाथ में दे दो जिसे हम अलग से मतपेटी में डाल दें। मतगणना के पहले किसी भी 10 मतपेटी के वोट गिन लो और काउंटिंग के नतीजों से मेल कर लो। यदि दोनों का नतीजा एक जैसा है तो काउंटिंग के नतीजों से रिजल्ट डिक्लेअर कर दो। इसमें चुनाव आयोग को क्या दिक़्क़त है? माननीय सुप्रीम कोर्ट से यही प्रार्थना है इसे गंभीरता से लें देश में लोकतंत्र को बचाइए।'