MP Elections 2023: कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की अमित शाह की शिकायत, अधिकारियों को धमकाने का आरोप

भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मध्यप्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बाधा बनता जा रहा है। अधिकारियों को धमकी देना न सिर्फ आचार संहिता का खुला उल्लंघन है, बल्कि आपराधिक कृत्य है: कमलनाथ

Updated: Oct 30, 2023, 10:25 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में भारी एंटी इनकंबेंसी से जूझ रही भाजपा चुनाव जीतने के लिए तमाम हटकंडे अपना रही है। भाजपा प्रत्याशियों द्वारा आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अधिकारियों को धमकाने का मामला सामने आया है। कांग्रेस ने इसपर सख्त आपत्ति जताते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत की है।

रविवार को प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने आजएक शिकायत सौंपते हुये चुनाव आयोग को बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिनांक 28 अक्टूबर, 2023 को भोपाल में सार्वजनिक रूप से बैठक के दौरान धमकी दी है कि जो भी अधिकारी कमल निशान का ध्यान न रखे उसे छोड़ना नहीं, तथा उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आदेशित किया कि आप भी मेसेज कर दो की वो किसी को नहीं बचा पाएंगे। कांग्रेस ने कहा कि शाह द्वारा दी गई यह धमकी सीधे सीधे शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने एवं सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में चुनाव में मदद करने के लिए बाध्य करने की धमकी है, जो कि सीधे सीधे प्रभावशील आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शासकीय संसाधनों का दुरूपयोग करते हुए भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के साथ साथ शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को कमल के पक्ष में काम ना करने पर देख लेने की धमकी देना चुनाव प्रक्रिया को बाधित करना है तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री एवं भाजपा नेताओं द्वारा प्रदेश में शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों में भय का वातावरण निर्मित किया जा रहा है जो कि संवैधानिक मूल सिद्धांतों के विपरीत है।

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मामले पर पीसीसी चीफ कमलनाथ का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, 'भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मध्यप्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बाधा बनता जा रहा है। अधिकारियों को धमकी देना न सिर्फ आचार संहिता का खुला उल्लंघन है, बल्कि आपराधिक कृत्य है। मैं मध्य प्रदेश के सभी अधिकारी कर्मचारियों का आवाहन करता हूं कि उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है, उन्हें सिर्फ वही कार्य करना चाहिए जो संवैधानिक दृष्टि से उचित है।'