MP: 16 जिलों में विद्युत विभाग के इंजीनियरों ने काम बंद किया, कंपनियों ने रोक दी है सैलरी

एक तारीख को होना था सैलरी का भुगतान, दो की शाम तक नहीं हुआ तो हड़ताल पर गए 16 जिलों के इंजीनियर्स, विद्युत कंपनियों ने उपभोक्ताओं की इंडेक्सिंग काम काम अधूरा होने का तर्क देकर रोक दिया है वेतन, कांग्रेस बोली- शिवराज की नाकामियों की सजा जनता क्यों भुगते

Updated: Aug 03, 2022, 12:53 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के 16 जिलों के बिजली विभाग के इंजीनियर्स हड़ताल पर चले गए हैं। भोपाल, ग्वालियर व नर्मदापुरम संभाग के बिजली इंजीनियरों ने बुधवार सुबह से काम बंद कर दिया है। इनमें असिस्टेंट-जूनियर इंजीनियर से लेकर एसई और डीई भी शामिल हैं। हड़ताल के कारण बुधवार को बिजली फाल्ट नहीं सुधर रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, बिजली कंपनियों ने काम में कमी बताकर इंजीनियर्स की सैलरी रोक दी है। विद्युत कंपनियों में कार्यरत इंजीनियरों को एक तारीख को सैलरी का भुगता होना था लेकिनदो की शाम तक भी नहीं हुआ। विद्युत कंपनियों की मनमानी के खिलाफ अब इंजीनियरों ने मोर्चा खोल दिया है। नतीजतन कई काम पूरी तरह से ठप हो चूक हैं।

यह भी पढ़ें: MP में मॉब लिंचिंग, गौ तस्करी के शक में मुस्लिम युवक को दी दर्दनाक मौत, दो गंभीर रूप से घायल

विपक्षी दल कांग्रेस ने इसके लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'शिव'राज का जंगलराज विद्युत विभाग में इंजीनियर्स का वेतन रोका गया, आक्रोशित इंजीनियर्स कर रहे काम का बहिष्कार, फोन भी रखेंगे बंद। शिवराज जी, आपकी नाकामियों की सजा जनता क्यों भुगते?'

इंजीनियर्स की हड़ताल का असर सुबह से ही देखने को मिल रहा है। कई जगह फाल्ट की शिकायतें आईं, लेकिन कर्मचारी समय पर सुधारने नहीं पहुंच सके। आमतौर पर यह काम जूनियर इंजीनियरों के हवाले ही होता है। कंपनी रेवेन्यू की वसूली भी नहीं कर पा रही है। हड़ताल के चलते इंजीनियरों ने अपने मोबाइल भी बंद कर दिए। भोपाल में सभी डिविजनल ऑफिसों के बाहर नारेबाजी भी की गई।

क्यों कर रहे हैं हड़ताल

दरअसल, बिजली कंपनियां कंजूमर इंडेक्सिंग सर्वे करा रहे हैं। इसमें पता लगाया जा रहा है कि कहां-कितने ट्रांसफार्मर लगे हैं और उन पर कितने कनेक्शन हैं। यानी पता लगाया जा रहा है कि कहां कितना लोड है और आगे कितना लोड दिया जा सकता है। कनेक्शन लेने वालों की एक-एक डिटेल को भी सर्वे में शामिल किया जा रहा है। इसके लिए 30 जुलाई तक की डेटलाइन दी गई थी। इंजीनियरों ने सर्वे रिपोर्ट भी सबमिट कर दी है। लेकिन कंपनियां इसे आधा-अधूरा सर्वे बताकर इंजीनियरों की सैलरी रोक दी।