प्रभु राम के प्रतिज्ञा स्थल पर सरकार ने दी खनन की मंजूरी, कांग्रेस बोली- राम के नाम पर रोटी सेंकने वालों का असली चेहरा उजागर

मान्यता है कि सिद्धा पहाड़ पर ऋषियों का हड्डी देखकर राम बेहद दुखी हुई थे और उन्होंने वहीं राक्षसों के वध की प्रतिज्ञा ली थी, शिवराज सरकार ने अब इस पहाड़ को खोदने की अनुमति दे दी है, बीजेपी एमएलए नारायण त्रिपाठी बोले- शिवराज सरकार का ये फैसला बर्दाश्त से बाहर

Updated: Aug 31, 2022, 11:43 AM IST

सतना। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भगवान श्रीराम के प्रतिज्ञा स्थल "सिद्धा पहाड़" पर खनन की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के इस फैसले ने रामभक्तों को आक्रोशित कर दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि राम के नाम पर रोटी सेंकने वाली बीजेपी का आज असली चेहरा उजागर हो गया है। चित्रकूट से कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने कलेक्टर अनुराग वर्मा को पत्र लिख कर सिद्धा पहाड़ में खनन परियोजना पर रोक लगाने की मांग की है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवराज सरकार ने पौराणिक महत्व से जुड़े सिद्धा पहाड़ को अब नष्ट-ध्वस्त और खोखला करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। राम भक्तों की आस्था के इस केंद्र को जेसीबी और अन्य भारी-भरकम मशीनों से खोदा जाएगा। सरकार ने श्याम बंसल की पार्टनरशिप फर्म राकेश एजेंसीज को तमाम अन्य स्वीकृतियां प्रदान कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लोक सुनवाई कराने का आदेश दे दिया है।राकेश एजेंसीज सिद्धा पहाड़ में उत्खनन करेगी और यहां से लेटेराइट, बॉक्साइट, ओकर जैसे खनिज निकाला जाएगा।

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भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को नेस्तनाबूद करने की इस कोशिश की भनक लगते ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। विपक्षी दल के साथ ही बीजेपी नेताओं ने भी इस फैसले को बर्दाश्त करने योग्य नहीं बताया है। 
मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि चित्रकूट की जिस तपोभूमि से भगावन श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए, आज उसी पवित्र भूमि के सिद्धा पहाड़ को सरकार खनन कारोबारियों के हवाले करने जा रही है। राम भक्त इसे कटाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीएम शिवराज ने विधानसभा चुनाव के दौरान सभा को संबोधित करते हुए सिद्धा पहाड़ का गुणगान किया था और उसे संरक्षित करने की बात कही थी।आज वही पहाड़ खनन कारोबारियों को सौंपना समझ से परे है। 

त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि, 'यह किसी भी कीमत में नहीं होने दिया जाएगा। सिद्धा पहाड़ हमारे उन ऋषि मुनियों की धरोहर है, जो धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हम उसकी रक्षा अवश्य करेंगे। विंध्य की धरोहरों से छेड़छाड़ किया गया तो हम मौन नहीं रहा सकते। विकट लड़ाई का आगाज कर ईंट से ईंट बजाने का कार्य हर स्तर पर किया जाएगा।'

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वहीं, कांग्रेस नेता रीतेश त्रिपाठी ने कहा कि राम के नाम पर रोटी सेंकने वाली भाजपा राम के पवित्र स्थलों को ही नष्ट करने पर तुली है। भाजपा का असली चेहरा आज उजागर हो गया है। क्षेत्र के लोग इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। स्थानीय लोगों ने आंदोलन की तैयारी प्रारंभ कर दी है। रैगांव से कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा ने इसे राम भक्तों की आस्था के साथ कुठराघात करार दिया है। उन्होंने कहा कि, 'भगवान श्री राम की तपोभूमि "सिद्धा पहाड" को जिस प्रकार से मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने लीज स्वीकृत कर उसे नष्ट करने की योजना बनाई है, वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे स्पष्ट है कि भगवान राम के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी के लोगो की वास्तविक मंशा क्या है।'

दरअसल, जिस धार्मिक महत्व के सिद्धा पहाड़ पर खनन अनुमति दी गई है वह राम वन गमन पथ का हिस्सा है। खुद सीएम चौहान मझगवां के अपने कार्यक्रम में इसे संरक्षित करने की बात कह चुके हैं। बता दें कि रामचरित मानस में अरण्य कांड में उल्लेख है कि भगवान राम जब चित्रकूट से आगे की ओर बढ़े तो उन्हें सिद्धा पहाड़ मिला, यह पहाड़ अस्थियों का था। पूछने पर राम को ऋषि मुनियों ने बताया कि राक्षस कई मुनियों को खा गए हैं और यह अस्थियां उन्हीं मुनियों की हैं। भगवान राम ने यहीं पर पृथ्वीलोक से राक्षसों के विनाश की प्रतिज्ञा ली थी।