चंबल प्रोग्रेस वे के लिए MP ने दिए 781 करोड़

चंबल प्रोग्रेस वे को चार बड़े कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा, चंबल क्षेत्र में 300 किलोमीटर लंबा होगा कॉरिडोर

Publish: Jul 05, 2020, 05:10 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर : पंजाब केसरी
प्रतीकात्मक तस्वीर : पंजाब केसरी

चंबल एक्सप्रेस-वे के बनने से प्रदेश के बीहड़ एवं पिछड़े क्षेत्र को औद्योगिक सेक्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। यह सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें भारतमाला के अंतर्गत मात्र 50 प्रतिशत भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश सरकार इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 421 करोड़ की 100 प्रतिशत भूमि नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा प्रदेश सरकार आर्थिक सहयोग के रूप में मिट्टी एवं मुरम की रायल्टी के रूप में 330 करोड़ प्रदान करेगा और वन भूमि की अनुमतियों पर होने वाले व्यय के रूप में 30 करोड़ का व्यय भी स्वयं वहन करेगा। इस प्रकार राज्य शासन 781 करोड़ का सहयोग प्रदान करेगा।

यह बात मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे चंबल एक्सप्रेस-वे पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक मेंं  बोल रहे थे। बैठक में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे।  

प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर चंबल प्रोजेक्ट वे बीजेपी सरकार के लिए अहम है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी समीक्षा बैठक के दौरान इसे ड्रीम प्रोजेक्ट बताया है। बैठक के दौरान इस प्रोजेक्ट के लिए प्रशासनिक हाई-लेवल कमेटी बनाई गई है। कमेटी का नेतृत्व सीएम शिवराज करेंगे वहीं इसमें फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों सहित संबंधित जिलों के कलेक्टर भी रहेंगे। सीएम शिवराज ने इस प्रोजेक्ट पर बैठक बुलाने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताते हुए कहा कि आप जिस तरह से कार्य करते हैं मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में चंबल प्रोग्रेस वे का कार्य शीघ्र पूरा होगा। 

रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी

इस दौरान सीएम शिवराज ने बताया की इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद प्रदेश में रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, 'मध्यप्रदेश ने पूरा होमवर्क कर लिया है। सर्वे का काम भी पूरा हो गया है वहीं 52 प्रतिशत शासकीय भूमि को हम अधिग्रहित कर चुके हैं जिसे जल्द हीं प्रोजेक्ट को सौप देंगे। हालांकि बाकी के 48 प्रतिशत निजी भूमि है जिसे सरकार दो लेवल पर अधिग्रहित करने का काम कर रही है। चंबल का वो इलाका जहां कभी डकैत रहा करते थे अब वह विकसित क्षेत्र बनेगा। दिल्ली के नजदीक ऐसा क्षेत्र जहां विकास की संभावनाएं अधिक हैं।'

बता दें कि चंबल प्रोग्रेस वे को चार बड़े कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा जिनमें ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर दिल्ली, आगरा-कानपुर कोलकाता कॉरिडोर, दिल्ली-मुम्बई कॉरिडोर व नार्थ साउथ कॉरिडोर शामिल हैं। चंबल क्षेत्र में 300 किलोमीटर लंबेे एक्सप्रेस-वे से श्योपुर, भिंड और मुरैना के 100 से ज्यादा गांव के लोग लाभान्वित होंगे।