MP reduces Stamp duty: सरकार के फैसले से सस्ती होगी ज़मीन
MP Government: सरकार ने प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर स्टाम्प ड्यूटी पर लगने वाले सेस में 2% की दी छूट, 3% से घटा कर 1% हुआ सेस, 31 दिसंबर 2020 तक मिलेगी रियायत

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के बीच जनता को एक बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त पर 2 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी कम कर दी है। प्रापर्टी खरीदने और बेचने पर लगने वाला 3 फीसदी सेस को घटाकर 1 फीसदी करने का फैसला किया है। सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से प्रदेश में रियल एस्टेट के कारोबार में फैली मंदी दूर होगी और प्रापर्टी का कारोबार तेजी से बढ़ेगा। प्रदेश के शहरी इलाकों में प्रॉपर्टी की खरीदी और बिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी पर लगने वाला सेस 1 प्रतिशत होने के बाद माना जा रहा है कि जमीनों के दाम कम हो सकते हैं।इस फैसले के बाद अब शहरी क्षेत्रों में दो लाख रुपए की जमीन खरीदने या बेचने पर सीधे 4 हजार रुपए तक की बचत की जा सकेगी।
#COVID19 जैसी चुनौती के बीच भी प्रदेश को विकास पथ पर गतिमान रखने के लिए मैं सतत प्रयत्नशील हूं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 7, 2020
नगरीय क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की खरीदी व बिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी पर लगने वाले 3% सेस को घटाकर 1% कर दिया है।
मुझे विश्वास है कि इस छूट के कारण रियल एस्टेट का कारोबार तेजी से बढ़ेगा। pic.twitter.com/xwrE3ac2Lt
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा रियल एस्टेट कारोबार को बढ़ावा देना है। उन्होने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाना जरूरी है। इस फैसले से मध्य प्रदेश में रियल स्टेट क्षेत्र में कारोबार बढ़ेगा। उन्होने कहा कि हर व्यक्ति का अपने घर का सपना होता है। यह फैसला जनता के हित में है और इससे आमजन को लाभ मिलेगा।
सेस क्या है
सेस टैक्स के ऊपर लगाया जाने वाला टैक्स है और यह आमतौर पर खास उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है। जिसका उद्देश्य हल हो जाने पर उसे हटा लिया जाता है। सेस से मिलने वाली धन राशि को भारत सरकार दूसरे राज्य सरकारों से साझा नहीं करती है। और इससे मिली पूरी राशि अपने पास रखती है। भारत में 6 तरह के उपकर (सेस) लगाए जा रहे हैं। ये हैं प्राथमिक शिक्षा उपकर, माध्यमिक शिक्षा उपकर, कच्चे पेट्रोलियम तेल पर उपकर,रोड सेस,तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता उपकार, आयातित वस्तुओं पर शिक्षा उपकर ।
सेस किसी जन कल्याण के कार्य के लिए वित्त की व्यवस्था करने के लिए लगाया जाता है। जैसे कृषि कल्याण सेस को कृषि क्षेत्र में विकास के लिए और प्राइमरी एजुकेशन सेस का लक्ष्य देश में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ोतरी करना है।