पुराने छात्रों के नाम पर हो सकते हैं क्लासरूम, सरकार वसूलेगी डोनेशन

मुख्यमंत्री से प्रेरणा लेकर मध्य प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग भी पूर्व छात्रों के साथ चाय पर चर्चा करने की योजना बना रहा है, इसके ज़रिए राज्य में शिक्षा में सुधार की कोशिश की जा रही है

Updated: Jan 30, 2021, 09:28 AM IST

Photo Courtesy: Freepress journal
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट मंत्रियों से चाय पर चर्चा की तर्ज़ पर अब मध्य प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग भी चाय पर चर्चा करने की योजना बना रहा है। उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश के कॉलेजों के पूर्व छात्रों के साथ चाय पर चर्चा के ज़रिए संवाद स्थापित करने पर विचार कर रहा है। ऐसा प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के इरादे से किया जा रहा है।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा है कि कॉलेज की बेहतरी के लिए कॉलेज प्रशासन अपने पूर्व छात्रों से संपर्क साधेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने ऐलान किया है कि अगर कॉलेज का कोई पूर्व छात्र अपने कॉलेज की बेहतरी के लिए पांच लाख रुपए से ज़्यादा का डोनेशन देता है तो उसके नाम पर कॉलेज की एक कक्षा का नाम रखा जाएगा।

हालांकि मोहन यादव के मुताबिक ऐसा नहीं है कि पूर्व छात्र केवल सिर्फ कॉलेज को वित्तीय सहायता देकर ही कॉलेज की बेहतरी में योगदान दे सकते हैं। मोहन यादव ने कहा कि पूर्व छात्र अपने कॉलेज के छात्रों को अपनी इंडस्ट्री के नए ट्रेंड से अवगत करा कर भी योगदान दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर एक आईटी फर्म में काम करने वाला पूर्व छात्र नए छात्रों को आईटी सेक्टर में आए नए बदलाव, चुनौतियों और ज़रूरतों के बारे में बता सकता है। मंत्री ने कहा कि पूर्व छात्र अपने समय के अनुसार छात्रों से संवाद स्थापित कर सकते हैं। 

उच्च शिक्षा मंत्री और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कुछ कॉलेजों के साथ चाय पर चर्चा के ज़रिए जुड़ेंगे। इसके बाद कॉलेज के प्रिंसिपल पूर्व छात्रों की उपलब्धता के हिसाब से संपर्क साधेंगे। लेकिन इससे पहले कॉलेज के प्रिंसिपलों को यह हिदायत दी गई है कि पूर्व छात्रों से संवाद स्थापित करने से पहले वे कॉलेज की बेहतरी के लिए ज़रूरतों का एक खाका ज़रूर तैयार कर लें। प्रिंसिपल को यह हिदायत दी गई है कि वे चाय पर चर्चा के दौरान पूर्व छात्रों को कॉलेज की ज़रूरतों से अवगत कराएं और अंत पर यह उन पर छोड़ दें कि वे किस तरह से कॉलेज की बेहतरी में अपना योगदान देना चाहते हैं। 

वर्ल्ड बैंक की एक परियोजना के मुताबिक अब छात्रों को कॉलेज से पास आउट होने के बाद ट्रैक करना होगा। कॉलेजों को पूर्व छात्रों के एसोसिएशन (Alumni Association) का गठन करके हर साल उनके सम्मेलन (Alumni Meet) आयोजित कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।