मध्यप्रदेश में लगा दुनिया का सबसे लंबा लॉकडाउन, 100 सालों तक सबकुछ बंद रखने का आदेश जारी
जबलपुर के बरगी इलाक़े में लगा 100 साल का लॉकडाउन, नायब तहसीलदार ने बाकायदा हस्ताक्षर और सील के साथ जारी किया आदेश, सोशल मीडिया पर आदेश हुआ वायरल

जबलपुर। मध्यप्रदेश में कोरोना की दोबारा शुरू हुई लहर ने आमलोगों के साथ-साथ प्रशासन को भी घबराहट में डाल दिया है। लगातार बढ़ते कोविड के मामलों की वजह से एमपी के कई शहरों में रविवार का लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। इसी बीच जबलपुर के पास बरगी में 100 साल तक लॉकडाउन लगाने का आदेश देख लोग चक्कर में पड़ गए हैं। जी हां मध्यप्रदेश के एक कस्बे, बरगी में अगले 100 साल तक लॉकडाउन लागू रहेगा। इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं के अलावा अन्य सभी गतिविधियों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह पाबंदी एक दो दिन के लिए नहीं, बल्कि सौ साल तक के लिए लागू रहेगी।
यह अजीबोगरीब आदेश मध्यप्रदेश के जबलपुर प्रशासन ने जारी किया है। इस आदेश पर बाकायदा नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर और सील लगे हुए हैं, जो इस बात की गवाही देती है कि आदेश झूठा या फर्जी नहीं बल्कि असली है। जबलपुर के बरगी नगर के नायब तहसीलदार द्वारा जारी यह आदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। देशभर में यह आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है।
आदेश में लिखा है, कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला दण्डाधिकारी के निर्देशों के तहत कस्बे की जनरल स्टोर्स, फल, सब्जी आदि की दुकानें और निजी कार्यालय बंद रहेंगे। वहीं, बरगी क्षेत्र में लगने वाले साप्ताहिक बाजार ग्राम बरगी, कालादेही, बरगी नगर के बाजारों को लगने पर भी आगामी आदेश तक रोक लगाई गई है। दो पहिया व चार पहिया वाहनों के संचालन पर भी रोक है। हालांकि, इस दौरान दूध, मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी की दुकान खुली रहेंगी। इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जाएगी।
बरगी तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार सुषमा धुर्वे ने कोरोना संक्रमण को लेकर तीन अप्रैल 2021 यानी शनिवार को यह आदेश जारी किया था। आदेश में स्पष्ट लिखा हुआ है कि 19 अप्रैल 2121 को यह लॉकडाउन समाप्त होगा यानी पूरे सौ साल और 15 दिन तक का लॉकडाउन। वैसे, आपको इस आदेश से घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही यह आदेश उच्चाधिकारियों तक पहुंचा, इसमें एक और ट्विस्ट सामने आया।
बरगी के नायब तहसीलदार ने यह बताया है कि यह एक टाइपिंग मिस्टेक था, जो 2021 के 2121 लिख गया था। यानी 0 के 1 एक हो जाने की वजह से इतनी बड़ी गलती हुई। इस बारे में संशोधित आदेश जारी कर दिया गया है। मगर, इस महत्वपूर्ण आदेश पत्र पर हुई इस टाइपिंग मिस्टेक को दरकिनार करते हुए नायब तहसीलदार के द्वारा उसपर हस्ताक्षर और प्रशासनिक मुहर लगाना बड़ा सवाल खड़ा करता है। बहरहाल, प्रशासन ने तो संशोधित आदेश जारी कर दिया है लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे साझा कर खूब चटकारे ले रहे हैं।