भोपाल के बाद अब इंदौर से भी हटेगा BRTS, 300 करोड़ की लागत से बना था 11KM लंबा कॉरिडोर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि सरकार खुद ही इसे हटाना चाहती थी, ताकि यातायात सुगम हो सके। अब हाई कोर्ट का आदेश भी आ गया है तो कल से ही हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

इंदौर। भोपाल के बाद अब से भी BRTS कॉरिडोर को हत्या जाएगा। इंदौर के बीआरटीएस को हटाने का रास्ता गुरुवार को साफ हो गया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने इसे लेकर फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि सरकार खुद ही इसे हटाना चाहती थी, ताकि यातायात सुगम हो सके। अब हाई कोर्ट का आदेश भी आ गया है तो कल से ही हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
इंदौर में निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक करीब 11.5 किमी लंबा बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) बना हुआ है। इसे लेकर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लगी थी। याचिकाओं को हाईकोर्ट की मुख्य पीठ (जबलपुर) ट्रांसफर कर दिया गया था। आज जबलपुर हाईकोर्ट ने इंदौर बीआरटीएस को हटाने के आदेश दिए हैं।
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बता दें कि तीन महीने पहले इंदौर पहुंचे सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि इससे लोगों को परेशानी हो रही है, इसलिए इसे हटाया जाएगा। हम कोर्ट के सामने भी अपना पक्ष रखेंगे। सीएम ने कहा कि भोपाल में जैसे बीआरटीएस हटाया गया है, उससे यातायात में सुविधा मिली है। इंदौर में भी बीआरटीएस को लेकर हमें लोगों की शिकायतें मिल रही हैं, जो भी तरीका लगाना पड़ेगा, इसे हटाएंगे।
इंदौर में 2013 में शुरू हुआ बीआरटीएस कॉरिडोर अब प्रदेश का इकलौता बीआरटीएस है। क्योंकि भोपाल में बना बीआरटीएस खत्म किया जा चुका है। साल 2013 में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की शुरुआत हुई थी। इंदौर में 11.5 किलोमीटर का बीआरटीएस कॉरिडोर बनाया गया। इंदौर में 300 करोड़ रुपए की लागत से बीआरटीएस का निर्माण हुआ था। इसकी बस लेन में 12 स्टेशन भी बनाए गए हैं।
इससे पहले राजधानी भोपाल के डेवलपमेंट को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछले साल वीआईपी रोड के चौड़ीकरण और बीआरटीएस कॉरिडोर को लेकर मंत्री, विधायक समेत अफसरों से चर्चा की थी। मंत्री-विधायकों ने बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की भी बात कही थी। इसके बाद इसे हटाने पर सहमति बनी। इस प्रोजेक्ट पर 13 साल पहले 360 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।