विश्वास सारंग का दावा, बीजेपी भी नशामुक्ति के साथ, उमा भारती की मुहिम को कांग्रेस ने ग़लत ढंग से पेश किया

शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग भले ही नशामुक्ति से सहमत होने के दावे करें, बीजेपी के कई नेताओं, मंत्रियों के बयान कुछ और ही कहानी बयान करते हैं

Updated: Feb 07, 2021, 11:44 AM IST

Photo Courtesy : The Week
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भोपाल। बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती के शराब बंदी अभियान की वजह से मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग शराबबंदी के मुद्दे पर सरकार के बचाव में सामने आए हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी की सरकार हमेशा से नशे के खिलाफ रही है। उमा भारती जिस नशामुक्ति की बात कर रही हैं वह सामाजिक नशामुक्ति है। लेकिन कांग्रेस इसे दूसरे ढंग से पेश कर रही है।

दिलचस्प बात ये है कि विश्वास सारंग भले ही उमा भारती की मुहिम को महज सामाजिक नशामुक्ति अभियान कहकर पल्ला झाड़ने कोशिश कर रहे हों, लेकिन खुद उमा भारती तो खुलकर सरकार से शराब पर पाबंदी लगाने की मांग कर चुकी हैं। न सिर्फ मध्य प्रदेश की सरकार, बल्कि उमा भारती तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से यह मांग भी कर चुकी हैं कि देश के जिन भी राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, उन सभी में पूर्ण शराबबंदी होनी चाहिए। उमा भारती 21 जनवरी को ही अपनी यह मांग ट्वीट के जरिए सार्वजनिक रूप से बीजेपी नेतृत्व के सामने पेश कर चुकी हैं। 

 

 

कहां उमा भारती का यह बयान और कहां मध्य प्रदेश में शराब की ज्यादा से ज्यादा दुकानें खोलने की वकालत करने वाले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा। ऐसे में बीजेपी कैसे दावा कर सकती है कि शराब के बारे में उसकी और उमा भारती की सोच में कोई टकराव नहीं है। इतना ही नहीं, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी तो कुछ दिनों पहले यहां तक कह चुके हैं कि अपने यहां तो देवता भी शराब पीते थे। और यह सब पुरातन काल से चला आ रहा है। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में यह मिसाल भी दी थी कि महाभारत के युद्ध की घोषणा के बाद हथियारों के साथ-साथ शराब का उत्पादन बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया था।

इन बयानों से साफ है कि विश्वास सारंग भले ही दावा कर रहे हों कि बीजेपी की सरकार हमेशा से नशे के खिलाफ रही है, लेकिन उन्हीं की पार्टी के दूसरे नेताओं और मंत्रियों के बयान कुछ अलग ही कहानी बयान करते हैं। जाहिर है, शराब बंदी के मामले में शिवराज सरकार और बीजेपी के कई नेताओं की लाइन उमा भारती के विचारों से मेल नहीं खाती है। लेकिन अपनी ही पार्टी की वरिष्ठ नेता होने के नाते बीजेपी के लिए उमा भारती के बयानों की काट करना आसान नहीं है। यही वजह है कि विश्वास सारंग कई और मसलों की तरह ही इस मामले में भी मुश्किल सवालों से बचने के लिए कांग्रेस पर तोहमत लगाने का फॉर्मूला आजमाना चाहते हैं।