मध्य प्रदेश के सीहोर की मंडी में पकड़ा गया 50 टन सड़ा गेहूं, प्रशासन में हड़कंप

दो ट्रकों से उतारा जा रहा था 50 टन सड़ा गेहूं, आष्टा की नवीन कृषि उपज मंडी में मिलीं बोरियां उत्तर प्रदेश के खाद्य विभाग की, मंडी के कामकाज पर उठे सवाल

Updated: Dec 11, 2020, 08:39 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश में एक बार फिर गेहूं घोटाला सामने आया है। इस बार इसके तार पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं। सीहोर जिले की आष्टा स्थित नवीन कृषि उपज मंडी में करीब 50 टन सड़ा हुआ बदबूदार गेहूं बरामद किया गया है। ये सड़ा गेहूं जिन बोरियों में रखा मिला है, वो उत्तर प्रदेश के खाद्य विभाग की हैं। यह गेहूं इतना खराब हो चुका है कि दूर से बदबू आ रही है। गेहूं के ढेले बन चुके हैं।

इतनी बड़ी मात्रा में एक साथ दो ट्रकों से सड़ा गेहूं उतरने की खबर लगते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद मंडी विभाग के सचिव, नायब तहसीलदार अंकिता वाजपेयी मौके पर पहुंचे और पंचनामा बनाकर सड़े हुए गेहूं को जब्त करने की कार्रवाई की।

वहीं बीजेपी नेता और व्यापारी संघ के अध्यक्ष रूपेश राठौर का कहना है कि सीहोर से यह गेहूं उन्होंने खरीदा है। किसी व्यापारी ने खराब गेहूं का टेंडर लिया था, उस व्यापारी से बीजेपी नेता ने यह सड़ा बदबूदार गेहूं 2.90 पैसे प्रति कलो की दर से खरीदा है। बकौल बीजेपी नेता यह गेहूं सुखाकर बड़ी कंपनियों को बेचा जाना है, आष्टा नवीन मंडी में इसे सुखाने और साफ करने के लिए लाया गया है।

 
 
 

 

इस मामले में अधिकारी भी लीपापोती करने में जुटे हैं। मंडी सचिव वीरेंद्र आर्य ने सफाई दी है कि यह किसी व्यापारी द्वारा लाया गया हो सकता है, जिसे जब्त किया जा रहा है, नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

 

 

 इस मामले में बड़ा सवाल यह उठता है कि यूपी सरकार के खाद्य तथा रसद विभाग का नाम लिखी बोरियों को लाने वाले ट्रक मध्य प्रदेश के सीहोर की कृषि उपज मंडी तक कैसे पहुंचे। बिना मंडी विभाग की परमिशन के बिना यह ट्रक मंडी प्रांगण में कैसे खाली किए गए। हैरानी की बात यह भी है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी विभाग की बोरियों में रखे गेहूं को बीजेपी नेता मध्य प्रदेश के सीहोर का बता रहे हैं।