कौन है जो आदिवासी बेटियों की मर्यादा भंग कर रहा है, कन्यादान योजना में कन्याओं का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने पर भड़की कांग्रेस

डिंडौरी में शनिवार को 219 वैवाहिक जोड़ों का मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह कार्य संपन्न कराया जाना था, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि इस समारोह से पहले कन्याओं के प्रेगनेंसी टेस्ट करार गए, एक युवती ने भी प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने और सूची से अपना नाम हटाए जाने की बात कबूली है

Publish: Apr 23, 2023, 10:59 AM IST

डिंडौरी। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र डिंडौरी में कन्यादान योजना के तहत आदिवासी युवतियों का विवाह संपन्न कराए जाने से पहले उनका प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का मामला सामने आया है। आदिवासी युवतियों के अपमान पर कांग्रेस पार्टी भड़क गई है और उसने शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। युवतियों के प्रेगनेंसी टेस्ट को लेकर मचे बवाल के बीच कांग्रेस ने पूछा है कि आखिर वह ऊपर बैठा कौन सा व्यक्ति है जो आदिवासी बेटियों की मर्यादा भंग कर रहा है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने महिलाओं का अपमान करने में दुशासन और कीचक को भी पीछे छोड़ दिया है। विवाह से पहले सैकड़ों बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराया। क्या ग़रीब की बेटी का कोई मान सम्मान नहीं है।यह कौन ऊपर बैठा व्यक्ति है जो आदिवासी बेटियों की मर्यादा भंग कर रहा है?

शनिवार को डिंडौरी ज़िले के गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कुल 219 युवतियों का वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया जाना था। लेकिन इस कार्यक्रम से पहले युवतियों के प्रेगनेंसी टेस्ट लिए गए। एक हिंदी वेब पोर्टल ने युवतियों के प्रेगनेंसी टेस्ट लेने वाले डॉक्टरों से जब पूछा तो उन्होंने बताया कि युवतियों का प्रेगनेंसी टेस्ट लेने के आदेश उन्हें ऊपर से मिले थे। 

इस मामले में हिंदी वेब पोर्टल ने उसी कन्यादान योजना के तहत विवाह से वंचित रहने वाली एक युवती का हवाला दिया है, जिसने यह कबूल किया है कि न सिर्फ उसका प्रेगनेंसी टेस्ट लिया गया बल्कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव बता कर कन्यादान योजना की सूची से उसका नाम भी हटा दिया गया। 

यह युवती बच्छरगांव की रहने वाली है। उसने कन्यादान योजना के तहत अपना फ़ॉर्म भरा था। इसके बाद बजाग स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उसका प्रेगनेंसी टेस्ट लिया गया। उसके प्रेगनेंसी टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई और इसके बाद उसका नाम भी लाभार्थियों की सूची से हटा दिया गया। 

इस मामले पर डिंडौरी के स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री ओमकार मरकाम ने भी शिवराज सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता ने कहा है कि अगर शिवराज सरकार ने कन्यादान योजना में प्रेगनेंसी टेस्ट को लेकर कोई नियम बनाया है तो उसे सार्वजनिक कर देना चाहिए लेकिन इस तरह से युवतियों का अपमान बंद होना चाहिए। 

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हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया सवालों के घेरे में आई हो। फरवरी माह में ही इस योजना के अंतर्गत वैवाहिक जोड़ों को नकली आभूषण दिए जाने का खुलासा हुआ था। और यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद शिवराज सरकार में मंत्री उषा ठाकुर ने उमरिया ज़िले में किया था।