MP का सातवां टाइगर रिजर्व बना नौरादेही, अब रानी दुर्गावति टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा  

मध्य प्रदेश सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर नौरादेही को आधिकारिक रूप से टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया है। इसके साथ ही इस अभ्यारण्य को नया नाम रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व दिया गया है।

Updated: Sep 23, 2023, 04:53 PM IST

सागर। मध्य प्रदेश के सागर में वन्य प्राणियों के लिए अनुकूल नौरादेही अभ्यारण्य अब रानी दुर्गावती नाम से टाइगर रिजर्व घोषित हो गया है। इसके साथ ही प्रदेश में अब 7 टाइगर रिजर्व हो गए हैं। बुंदेलखंड को भी अपना दूसरा टाइगर रिजर्व मिल गया है। मध्य प्रदेश शासन ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसे आधिकारिक रुप से टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया है।

सागर का नौरादेही अभ्यारण्य मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण है। जो अब प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन गया है। मध्य प्रदेश के सागर और दमोह जिले के दो अभ्यारण्यों को मिलाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व बनाया गया है। इसके क्षेत्र में तीन जिलों सागर,दमोह और नरसिंहपुर की सीमा आती है। फिलहाल यहां टाइगरों कि संख्या 15 ही है। लेकिन क्षेत्र के हिसाब से यह प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। इस टाइगर रिजर्व बनने के बाद यह 1,41,400 हेक्टेयर वन क्षेत्र में फैल गया है। 

नौरादेही अभ्यारण्य प्राकृतिक भेडियों के आवास के लिए प्रचलित है। इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान ने चीतों के लिए भी उपयुक्त क्षेत्र माना है। इस अभ्यारण्य में चीतों को शिफ्ट करने की भी संभावना है। इस अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में हुई थी। इसका क्षेत्रफल 1200 वर्ग किमी है। 

नौरादेही अभ्यारण्य में बड़ी संख्या में कई प्रजातियों के वन्यजीव निवास कर रहे हैं। जिसमें तेंदुओं की संख्या मुख्य है। इसके अलावा चिंकारा, हिरण, नीलगाय, सियार, भेड़िया, लकड़बग्घा, जंगली कुत्ता, रीछ, मगर, सांभर, मोर, चीतल समेत कई अन्य वन्य जीव इस क्षेत्र में पाए जाते हैं। एक समय यहां पर चीतों का निवास भी था लेकिन संरक्षण नहीं मिलने के कारण वे लुप्त हो गए।

बता दें म.प्र में अब तक सतपुड़ा, बांधवगढ़, कान्हा, संजय, पेंच और पन्ना टाइगर रिजर्व रहे है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के बाद यह संख्या 7 हो गई है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश देश का सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व बन गया। इसके बाद महाराष्ट्र 6 टाइगर रिजर्व का नंबर आता है।