विक्रम विश्वविद्यालय में NSUI का उग्र प्रदर्शन, कुलसचिव प्रशांत पौराणिक की फोटो पर पोती कालिख

एनएसयूआई ने कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का स्थानांतरण होने के आदेश जारी होने के बावजूद कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा उन्हें अब तक रिलीव नहीं किए जाने से नाराज होकर प्रदर्शन किया।

Updated: Apr 14, 2023, 11:06 AM IST

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का दूसरी बार शासन से स्थानांतरण आदेश के बाद भी रिलीव नही किए जाने को लेकर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। छात्र संगठन एनएसयूआई ने कुलसचिव डॉ.पौराणिक के फोटो पर कालिख पोत दी। हालांकि, बवाल बढ़ने के बाद कुलपति ने आदेश का पालन करने की बात कही है। इस दौरान विश्वविद्यालय मेें हुए भ्रष्टाचार को लेकर जमकर नारेबाजी भी हुई।

दरअसल, विक्रम विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का 28 दिसंबर 2022 के बाद दूसरी बार 12 अप्रैल 2023 को स्थानांतरण आदेश आया है। पौराणिक के स्थान पर इंदौर विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ.प्रज्वल खरे को पुन: प्रभारी कुलसचिव विक्रम विश्वविद्यालय पदस्थ किया है। गुरूवार को एनएसयूआई के प्रदेश सचिव प्रीतेश शर्मा, जिलाध्यक्ष अंबर माथुर के साथ छात्रों ने प्रशासनिक भवन पहुंचकर हंगामा कर दिया। छात्र नेताओं का कहना था कि शासन ने ही जब कुलसचिव का दो बार स्थानांतरण होने के बाद भी कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडे रिलीव नही कर रहे है। जबकि विश्वविद्यालय में अन्य उप कुलसचिव भी मौजूद है, जिन्हे चार्ज दिया जा सकता है।

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हंगामें के बीच ही छात्रों ने मुख्य चैनल गेट पर कुलसचिव डा. पौराणिक के फोटो पर कालिख पोतकर फोटो को जूते से मारा। छात्र नेताओं ने कुलपति को शासन के आदेश की कॉपी देकर आदेश का पालन कराने को कहा है। प्रदर्शन के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर जमकर नारेबाजी हुई। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डे को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके द्वारा राज्यपाल के आदेश से हटाए गए डॉ. पौराणिक को विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त न कर किसी अन्य कुलसचिव को प्रभार नहीं दिया गया तो एनएसयूआई अनवरत चरणबद्ध आंदोलन करेगी।

इस दौरान युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव बबलू खींची ने कुलपति अखिलेश कुमार पांडे को ज्ञापन देकर अथिति विद्वानों की नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाया। ज्ञापन में कहा गया कि विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षकों के अतिरिक्त 91 अतिथि विद्वानों के कार्यरत रहते हुए विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार एवं पद का दुरुपयोग कर विजिटिंग विद्वान के फर्जी पद बनाकर नियुक्ति प्रदान की गई है, जिन्हे 500 प्रति कालखण्ड की आड़ में प्रतिदिन 1500 रूपए का भुगतान किया जा रहा है।