इंदौर में डेंगू संक्रमित बच्चों की संख्या बढ़ी, ग्रामीण इलाकों की स्थिति चिंताजनक

इंदौर अब तक 137 बच्चे डेंगू की चपेट में, 14 बच्चे एक्टिव, मलेरिया विभाग और नगर निगम के प्रयास नाकाफी हुए साबित, ग्रामीण इलाकों से इलाज के लिए इंदौर पहुंच रहे मरीज

Publish: Oct 16, 2021, 10:53 AM IST

Photo courtesy:  DNA
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इंदौर। स्वच्छता में नंबर वन आने वाले शहर इंदौर में डेंगू ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। यहां डेंगू मरीजों की संख्या चिंताजनक स्थिति में पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल शहर में 637 डेंगू मरीज मिल चुके हैं। शहर में बच्चों को भी यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। अब तक 137 बच्चे डेंगू संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें से 14 एक्टिव मरीज वहीं 10 मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं निजी अस्पतालों के आंकड़ों को उजागर नहीं किया गया है।

 अब तक डेंगू से एक महिला की जान गई है। बड़ी संख्या में  ग्रामीण इलाके से मरीजों को इलाज के लिए लाया जा रहा है। शहर में डेंगू कंट्रोल करने के लिए नगर निगम और मलेरिया विभाग की करीब तीन दर्जन टीमें सक्रिय हैं। फिर भी मरीजों की संख्या में इजाफा लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खड़ी कर रही है। गली मोहल्लों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। पानी जमा होने वाले स्थानों में लार्वा खाने वाली मछली छोड़ी जा रही है।

वहीं निजी अस्पतालों में भी डेंगू का इलाज करवाने आए बच्चों की संख्या बढ़ी है। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि निजी अस्पतालों की टेस्ट रिपोर्ट्स को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया है। रोजाना अस्पताल आने वाले मरीजों में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग डेंगू संक्रमित होते हैं।

इंदौर के आसपास के लोग भी शहर में इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें महू, धार, खंडवा, खरगोन, सेंधवा, रतलाम, मंदसौर, नीमच, बड़वानी, जैसे इलाकों से हैं।  प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा मरीजों की पुष्टि इस साल हुई  है। सबसे ज्यादा खराब हालत, मंदसौर, रतलाम, जबलपुर जैसे शहरों की है। यहां बड़ी संख्या में मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। प्रशासन बार बार लोगों को आसपास सफाई रखने की अपील करता है, पर इसका प्यापक असर नहीं पड़ रहा है।