मध्य प्रदेश में फिर पेपर लीक कांड, दुकानों पर खुलेआम बिके 9वीं से 12वीं तक के प्रश्नपत्र

मध्य प्रदेश के सागर जिले में शासकीय स्कूलों में चल रही 9वीं से 12वीं तक की त्रैमासिक परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक हो गए, यहां दो दिन पहले सभी जनरल स्टोर पर पेपर बेचे जा रहे थे।

Updated: Sep 13, 2023, 09:05 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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सागर। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है। विभिन्न भर्तियों में धांधली और पेपरलीक जैसी घटनाएं सरकार की खूब किरकिरी करा रही है। इसी बीच अब एक और पेपर लीक कांड का खुलासा हुआ है। सागर जिले के सरकारी स्कूलों में चल रही 9वीं से 12वीं तक की त्रैमासिक परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक हो गए हैं। ये प्रश्न-पत्र कटरा बाजार स्थित किशोर जनरल स्टोर और नमकमंडी स्थित विद्यासागर स्टेशनरी पर खुलेआम बिके।

एक प्रमुख हिन्दी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कोई भी व्यक्ति स्टेशनरी पर जाकर स्कूल का नाम बताए तो ये स्टेशनरी संचालक बिना जांचे-परखे ही उन्हें प्रश्न-पत्र उपलब्ध करा रहे थे। अखबार के रिपोर्टर ने इस मामले में दोनों स्टेशनरी पर परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले सोमवार को जाकर स्टिंग किया तो दुकान के काउंटर पर ही प्रश्न-पत्र के बंडल के ढेर लगे हुए थे। रिपोर्टर ने इनसे 9वीं व 10वीं कक्षा के अंग्रेजी, हिन्दी और संस्कृत विषय के प्रश्न-पत्र खरीदे। इन्हें मंगलवार को परीक्षा के दौरान शहर के तीन बड़े सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए गए प्रश्न-पत्रों से मिलाया तो वही निकले। दोनों कक्षाओं के प्रश्न-पत्रों में एक भी प्रश्न का अंतर नहीं मिला। सारे प्रश्न एक समान थे। 

अब सवाल ये है कि लोक शिक्षण आयुक्त ने गोपनीयता बनाए रखने के लिए प्रश्न-पत्र जब प्राचार्य के लॉग-इन पर भेजे थे लेकिन ये प्रश्न-पत्र स्टेशनरी दुकान संचालकों तक कैसे पहुंचे? बता दें कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक की मंगलवार से शुरू हुई त्रैमासिक परीक्षा के लिए लोक शिक्षण आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने 21 अगस्त को नियम व निर्देश जारी किए थे। इसमें आयुक्त ने कहा था कि परीक्षा की गोपनीयता के लिए हर स्कूल के प्राचार्य प्रश्न-पत्र की फोटोकॉपी/मुद्रण कराने एक शिक्षक को अधिकृत करें। जो प्रश्न-पत्र प्रिंट कराते समय संबंधित दुकान पर मौजूद रहे ताकि प्रश्न-पत्रों की गोपनीयता बनी रहे।

बहरहाल, मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन ने कहा कि प्रश्न पत्र शिक्षकों को सामने बैठकर प्रिंट कराने थे और प्रिंटिंग के बाद सामने ही डाटा डिलीट कराने थे। ऐसे में प्रश्न पत्र लीक होने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन, यदि ऐसा हुआ है तो हम तत्काल टीम गठित कर जांच शुरू करेंगे।