Pradhuman Singh Tomar: ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में खास समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर की अग्निपरीक्षा
Mp by poll 2020: प्रद्युम्न सिंह तोमर दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से जीते अब बीजेपी से लड़ेंगे चुनाव, ग्वालियर विधानसभा सीट सिंधिया घराने के प्रभाव वाला क्षेत्र

ग्वालियर। अपनी जनप्रिय छवि वाले नेता प्रद्युम्न सिंह तोमर उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी होंगे। दो बार कांग्रेस से विधायक चुने गए प्रद्युम्न सिंह तोमर अब बीजेपी के प्रत्याशी होंगे। वे सिंधिया घराने के असर वाली ग्वालियर विधानसभा सीट से 2008 और 2018 में चुने गए थे। 2013 में उन्हें बीजेपी के जयभान सिंह पवैया ने हराया था। सिंधिया राजघराने के असर के कारण हाई यह सीट कोंग्रेस की सीट मानी जाती रही है। अब सिंधिया और प्रद्युम्न सिंह तोमर दोनों बीजेपी में आ चुके हैं तो यह उपचुनाव जीतना प्रद्युम्न सिंह तोमर की अग्नि परीक्षा होगा।
प्रद्युम्न सिंह तोमर स्वयं को सिंधिया परिवार का सेवक कहते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक प्रद्युम्न सिंह ने कई बार सार्वजनिक रूप से ज्योतिरादित्य की चरण वंदना की है। कमलनाथ सरकार में प्रद्युम्न सिंह खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे और अब शिवराज कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री के रुप में कार्यकर रहे हैं।
सड़क, नाली, शौचालय की सफाई करने से नहीं चूके
बीजेपी में हो या कांग्रेस में प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंत्री रहते नालियों, शौचालयों और सड़कों की सफाई कर मिसाल पेश की है। 2020 में कोरोना काल के दौरान वे भीषम गर्मी में बिना चप्पलों के पैदल सड़क पर घूमें थे। जिसकी खूब चर्चा हुई थी। उन्होंने ग्वालियर के एक सरकारी दफ्तर का शौचालय साफ किया था और लोगों को सफाई का महत्व बताया था। उनका सरल, सहज, स्वभाव, विवादों से दूर रहना, जनता के सुखदुख में शामिल होना उन्हे जनप्रिय बनाता है।
1984 में छात्र राजनीति से शुरू हुआ सफर
मुरैना के ग्राम नावी तहसील अम्बाह में प्रद्युम्न सिंह का जन्म एक जनवरी 1968 को हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय हाकिम सिंह तोमर है। 52 वर्षीय प्रद्युम्न सिंह तोमर ने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है। उनकी अभिरूचि जनसेवा में शुरु से रही है। वे ग्वालियर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं। इनकी छात्र राजनीति की शुरुआत सन 1984 में हुई थी। जब 1984 में माधवराव सिंधिया ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में थे, तब प्रद्युम्न सिंह युवा छात्र नेता के तौर पर उनका चुनाव प्रचार करते थे। सन 1990 से 2000 के दौरान प्रद्युम्न सिंह तोमर मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के सचिव और उपाध्यक्ष के पद पर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मार्च 2020 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
अब तक जयभान सिंह पवैया से हुई है टक्कर
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अब तक दो विधान सभा चुनाव लड़े हैं। जिसमें दोनों बार उनका मुकाबला बीजेपी के जयभान सिंह पवैया से रहा है। एक बार उन्हे जीत मिली तो एक बार हार का भी सामना करना पड़ा था। साल 2008 में ग्वालियर सीट से प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बीजेपी के जयभान सिंह पवैया को 2090 वोटों से पराजित किया था। जिसके बाद साल 2013 में प्रद्युम्न सिंह तोमर को बीजेपी के जयभान सिंह पवैया ने 15561 वोटों से हरा दिया था। एक बार फिर पवैया और तोमर का मुकाबला हुआ, साल 2018 में प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बीजेपी के जयभान सिंह पवैया को 21044 वोटों से शिकस्त दी।
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बिजली समस्या का निराकरण करते हुए कोरोना संक्रमित हुए
कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले प्रद्युम्न सिंह तोमर को कमलनाथ सरकार में 25 दिसम्बर 2018 को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री का पद मिला। मंत्री और विधायक रहते हुए भी तोमर जनता से लगातार जुड़े रहे हैं। अपने क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए जनता के बीच अक्सर दिखाई देते हैं। ग्वालियर अंचल में जनता की बिजली समस्याओं के निराकरण के लिए उन्होंने कोरोना काल के दौरान अपने घर में ही शिविर लगवा लिया था। जिसके बाद उन्हे कोरोना संक्रमण तक हो गया था।
क्रिकेट खेलने के लिए रोका अपना काफिला
पिछले दिनों ग्वालियर के फूलबाग मैदान में क्रिकेट खेलते युवकों को देखकर काफिला रुकवाया और युवकों के साथ जमकर चौके छक्के लगाए।इतना ही नहीं क्रिकेट प्रेमी प्रद्युम्न सिंह ने युवकों को क्रिकेट किट के लिए 5 हजार रुपए भी दिए। जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था।